दिव्यांगों ने 2024 को बताया संघर्ष का साल, जानिए….क्यों ?

ग्राम सेतु ब्यूरो.
दिव्यांग समाज के अगुवा प्रतिनिधियों ने हक के लिए संघर्ष करने का एलान किया है। हेतराम जालंधर की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। सर्वसम्मति से ‘विकलांग मिशन 2024 संघर्ष समिति’ का गठन किया गया। प्रतिनिधियों ने प्रदेश संयोजक पद पर कानाराम जीनागल, प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर जसकरण सिह को नियुक्त किया। दिव्यांगों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई।


प्रदेश संयोजक कानाराम जिनागल ‘ग्राम सेतु’ से कहते हैं, ‘केंद्र व राज्य सरकार दिव्यांग समाज के लिए अनेकों योजनाएं बनाती हैं लेकिन इनमें अधिकांश योजनाएं कागजों में कैद होकर रह जाती हैं। वास्तविकता से धरातल पर लागू नहीं होतीं। मसलन, दिव्यांग समाज के लिए 2016 एक्ट बनाया गया लेकिन वह भी पूर्ण रूप से कहीं भी धरातल पर लागू नहीं किया गया है। सरकार ने सुगम भारत के तहत दिव्यांगों के लिए वादा रहित वातावरण की घोषणा की लेकिन वह कहीं भी लागू नहीं है। ऐसे में संघर्ष का रास्ता चुनना हमारी मजबूरी है। इसलिए हमने साल 2024 को संघर्ष का साल बनाया है।’
जिनागल बताते हैं कि जब चुनाव विभाग की ओर से हनुमानगढ़ जिला परिषद में चुनाव संबंधित बैठक बुलाई गई और उम्मीदवारों को बुलाया गया तो निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैं भी पहुंचा लेकिन बैठक उपरी मंजिल पर होने के कारण मैं बैठक में शरीक न हो सका।
भूप सिंह ढाका, उत्तम शर्मा, पार्षद राजकुमार शर्मा पीलीबंगा, राजेश कुमार भादू पक्का भादवा, मेघराज वर्मा, शेर सिंह, फोजा सिंह, सोनू सिकंदर, हनुमान प्रसाद गोदारा, बलवंत सिंह, सुखराम सारण रणजीतपुरा, सजना देवी, मूर्ति देवी, मंजू देवी आदि ने कहाकि एकजुट होकर संघर्ष कर अपना अधिकार हासिल करेंगे। इसके लिए जल्दी ही बैठक बुलाने का निर्णय किया गया।

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