ग्राम सेतु न्यूज. हनुमानगढ़.
पंचायतीराज का सबसे बड़ा सदन है जिला परिषद। जिले में ग्रामीण विकास का आधार है यह। हैरानी की बात है, जिला कलक्टर से लेकर एसपी अथवा विभिन्न विभागों के आला अधिकारी जाने-अनजाने या फिर जानबूझकर इस सदन की मर्यादा को नहीं समझते। बात इतनी नहीं है, एमएलए और एमपी को छोड़िए, जब पंचायत समिति प्रधान तक इसके महत्व को कम आंकने लगे तो फिर आम जनता को ऐसे जनप्रतिनिधियों और अफसरों को सबक सिखाने की पहल तो करनी ही चाहिए।
दरअसल, हनुमानगढ़ जिला परिषद साधारण सभा की बैठक में आज न तो एक भी सांसद पहुंचे और न ही सत्तापक्ष से कोई विधायक। कलक्टर-एसपी की बात छोड़िए, नोहर पंचायत समिति प्रधान सोहन ढिल के अलावा कोई प्रधान भी नहीं पहुंचा। विभिन्न महकमों के आला अधिकारियों की तो बात ही और है।
आखिरकार, सदस्यों ने इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने बैठक का बहिष्कार कर दिया और जिला परिषद कैम्पस में विरोधस्वरूप धरने पर भी बैठे। खास बात है कि जिला परिषद सदस्यों के साथ जिला प्रमुख कविता मेघवाल और नोहर प्रधान सोहन ढिल भी कुछ देर धरने पर बैठे। इससे जनप्रतिनिधियों और अफसरों तक कड़ा संदेश तो पहुंचा। काबिलेगौर है कि जिला परिषद हनुमानगढ़ के तहत श्रीगंगानगर व चूरू संसदीय क्षेत्र के सांसदों, हनुमानगढ़ जिले के पांचों विधायक और सात पंचायत समितियों के प्रधान बतौर सदस्य हैं।
जिला परिषद सदस्य मनीष मक्कासर ‘ग्राम सेतु’ से कहते हैं, ‘जनप्रतिनिधियों-अधिकारियों ने जिला परिषद और पंचायत समिति की बैठकों को मजाक बनाकर रख दिया है। न तो ब्लॉक स्तर के अधिकारी बैठकों में आते हैं और न ही जिला स्तर के। सात-आठ माह बाद जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक बुलाई गई थी। 15-15 ग्राम पंचायतों से चुने हुए जिला परिषद सदस्य दूर-दराज से अपने ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं के साथ बैठक में इस उम्मीद से पहुंचते हैं कि इनका समाधान होगा।
इस बार भी जिला परिषद सदस्य ग्रामीण इलाके में बढ़ते नशे के कारोबार, चोरियों सहित खालों-सडक़ों इत्यादि समस्याएं लेकर आए थे, लेकिन इन समस्याओं को सुनने के लिए न तो दोनों सांसद, न विधायक और न ही प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे। इससे मन आहत है।’
अफसर करते हैं मनमर्जी: जिला प्रमुख
जिला प्रमुख कविता मेघवाल ने कहाकि अफसर मर्जी से प्रोजेक्ट बना लेते हैं। इससे जिला परिषद सदस्य अपनी राय भी नहीं रख पाते। उन्होंने कहाकि आगे से इस समस्या का समाधान खोजा जाएगा ताकि पंचायतीराज के जनप्रतिनिधियों की भावना का सम्मान हो सके और ग्रामीण क्षेत्र का विका सुनिश्चित हो सके।
जिले का ब्यूरोक्रेट बेलगाम: सोहन ढिल
नोहर प्रधान सोहन ढिल के मुताबिक, जिला प्रमुख सहित जिला परिषद सदस्य बैठक में पहुंचे, लेकिन सभागार में जिला स्तर के अधिकारियों की जो संख्या होनी चाहिए थी वह नहीं थी। जिन विभागों से कोई आया था तो उस विभाग के अधिकारी ने खुद की बजाए अपने निचले स्तर के अधिकारी को भेज दिया। यह अधिकारी बैठक में कोई जवाब नहीं दे पाते। उम्मीद करते हैं कि जिले का बेलगाम ब्यूरोक्रेट आगामी बैठक की तिथि जब घोषणा होगी तो उनका दिमाग सही होगा और वे जिला प्रमुख की ओर से बुलाई गई बैठक में आने की जहमत उठाएंगे ताकि ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं का समाधान हो सके।