ग्राम सेतु न्यूज. श्रीगंगानगर.
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में स्वच्छ पेयजल के लिए जन जागरण अभियान संचालित करने वाला सुंबल ट्रस्ट बरसाती सीजन से पहले वर्षा जल संग्रहण के लिए 100 डिग्गियों का निर्माण करवाएगा। ट्रस्ट के अध्यक्ष कृष्ण सहारण (मदेरां) के मुताबिक, पहले चरण में ट्रस्ट द्वारा सादुलशहर विधानसभा क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों में डिग्गियां बनाई जाएंगी। एक डिग्गी के निर्माण पर 50 से 60 हजार रुपए रुपए की लागत आती है। कुल 100 डिग्गियों के निर्माण पर 50 से 60 लाख की लागत आएगी, जो सुंबल ट्रस्ट द्वारा वहन की जाएगी। सादुलशहर विधानसभा क्षेत्र में पंचायत समिति सादुलशहर के अधीन 32 और श्रीगंगानगर पंचायत समिति के अधीन 29 ग्राम पंचायतें हैं। कुछ ग्राम पंचायतें बड़ी हैं, जबकि इसी विधानसभा क्षेत्र में लालगढ़ जाटान नगरपालिका क्षेत्र भी है।
सहारण बताते हैं कि जहां जरूरत होगी वहां दो या तीन डिग्गियां बनाई जाएंगी। यह डिग्गियां गुरुद्वारो, मंदिरों और धर्मशालाओं जैसे स्थानों पर बनाई जाएंगी ताकि उनकी उचित देखभाल भी हो सके। प्रत्येक पक्की डिग्गी 11 फुट डायमीटर की और 11 फुट गहरी होगी। डिग्गी को पाइप द्वारा उक्त भवनों की छतों से जोड़ा जाएगा, जिससे कि बरसाती पानी डिग्गी में एकत्रित हो सके। वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर आधारित डिग्गियों में इस तरह से व्यवस्था की जाएगी की उक्त भवनों की छतों बरसात का शुरुआती गंदला पानी डिग्गी में ना जाए। जब साफ पानी आने लगे तो उसी डिग्गी में इकट्ठा हो। डिग्गी को पक्की छत कवर कर हैंडपंप लगाएं जाएंगे ताकि उससे पानी से निकाला जा सके।
कृष्ण सहारण के मुताबिक, एक डिग्गी में एक बरसाती सीजन में इतना पानी औसतन इकट्ठा हो जाता है, जिससे वर्षभर उसका पीने के लिए इस्तेमाल हो सके। यह डिग्गियां सिर्फ बरसाती पानी को पीने के उपयोग में लेने के उद्देश्य से बनाई जा जाएंगी। इसके साथ ही लोगों को जागृत किया जाएगा कि वे अपने घरों में भी बरसाती पानी के लिए ऐसी डिग्गी का निर्माण करें। घरों में डिग्गी बनाने की लागत 20 से 25 हजार रुपए आती है। इसमें इकट्ठा हुआ बरसाती पानी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी है। बरसाती पानी वाटर प्यूरीफायर सिस्टम से कहीं ज्यादा गुणवत्तापूर्ण तथा शरीर के लिए आवश्यक सूक्ष्म तत्वों से पूर्ण होता है।
सहारण के मुताबिक, अनेक वर्षों से इस इलाके की नहरों में पंजाब से बहुत ही जहरीला, केमिकल युक्त तथा प्रदूषित पानी आ रहा है। पंजाब की नहरों और दरियाओं में फैक्ट्रियों तथा सीवरेज का पानी जा रहा है। इस जहरीले पानी को रोकने की मांग को लेकर श्रीगंगानगर जिले के लोग 5-6 वर्षों से आंदोलनरत है, लेकिन अभी तक सुखद परिणाम नहीं आए हैं। अभी भी गंदा पानी आ रहा है, जोकि फिल्टर्ड करने के बावजूद स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। पंजाब की तरह इस इलाके में भी यह पानी पीने से कैंसर तथा अन्य प्रकार की लाइलाज बीमारियों से लोग ग्रसित हो रहे हैं। ऐसे में यह बहुत आवश्यक हो जाता है कि लोग पीने के लिए बरसाती पानी का उपयोग करें। यह नहरी पानी पीने की तुलना में काफी लाभदायक व सुरक्षित है।
ट्रस्ट के अध्यक्ष ने कहा कि जिस प्रकार केंद्र व राज्य सरकारें स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण तथा बिजली की बचत के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए अनुदान दे रही है, वैसे ही आम लोगों को अपने घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए अनुदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट की ओर से इस संबंध में सरकारों को सुझाव प्रेषित किया जाएगा। सहारण ने बताया कि अगले हफ्ते ट्रस्ट की ओर से पंजाब सीमा से लगते गांव साधुवाली और सादुलशहर में डिग्गी निर्माण का कार्य शुरू किया जा रहा है। पिछले वर्ष भी बरसाती सीजन से पहले ट्रस्ट की ओर से कुछ गांव में ऐसी डिग्गियां बनाई गई थीं। लोगों ने इसके प्रति काफी रूचि तथा उत्साह दिखाया है। अगले चरणों में पूरे जिले में ही इस प्रकार की डिग्गियां बनाने की योजना है।