ग्राम सेतु न्यूज. जयपुर.
राजस्थान ऐसा राज्य है जहां पर किसानों की सबसे ज्यादा फिक्र की जाती है। यह दावा राज्य सरकार का है। सरकार इसके पीछे यह तर्क देती है कि देश में राजस्थान ऐसा पहला राज्य है जहां पर सरकार ने किसानों के लिए अलग से बजट पेश किया। यह सरकार की किसान हितैषी रूपी छवि का एक पहलू है जिसे उजला पक्ष कह सकते हैं। अब जरा दूसरे पहलू को जानिए।
राजस्थान ऐसा राज्य है जहां पर करीब 19 हजार 422 किसानों की जमीनें इसलिए कुर्क हुईं कि वे कर्ज न चुका पाए। यह स्थिति तब आई जब राज्य सरकार ने करीब 22 लाख किसानों का करीब 14000-16000 करोड़ रुपए तक कर्ज माफ किया है। दरअसल, ये दोनों ही आंकड़े खुद राज्य सरकार ने जारी किए हैं। सबसे अधिक कुर्की के मामले में हनुमानगढ़ जिला टॉप थ्री में है। यहां पर 1906 मामलों को अंजाम दिया गया। अलवर नंबर वन पायदान पर है जहां पर सर्वाधिक 4421 और जयपुर दूसरे नंबर पर है जहां 2945 किसानों की जमीनें कुर्क की गईं। सहकारिता मंत्री का कहना है कि कांग्रेस ने कर्जमाफी का वादा किया और उसे बखूबी पूरा किया है। राज्य सरकार के अधीन सहकारिता विभाग से संबंधित कर्ज माफ कर दिए गए लेकिन नेशनल बैंक से जुड़े कर्ज की माफी के लिए लगातार प्रधानमंत्री को पत्र लिखा लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया। राज्य सरकार ने अपने कार्यक्षेत्र में संपूर्ण कर्जमाफी का वादा पूरा कर दिया है। कर्जमाफी के बावजूद किसानों की जमीनें कुर्क होने का यह आंकड़ा किसानों की बदहाली की दास्तां सुनाने के लिए काफी है। देखना यह है कि आने वाले समय में सरकार इस पर क्या विचार करती है।