ग्राम सेतु न्यूज. हनुमानगढ़.
बिजली संकट से जूझने के लिए सोलर के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार किसानों को सोलर पंपसेट लगाने के लिए प्रेरित कर रही है लेकिन आवेदन के बावजूद किसानों को समय पर योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। हनुमानगढ़ जिले में साल 2020-2021 के दौरान तकरीबन 6000 सोलर पंपसेट लगाने की सीमा निर्धारित की गई। यह दीगर बात है कि करीब 10 हजार से अधिक किसानों ने इसके लिए आवेदन किया है। लेटलटीफी देखिए, अब कहीं जाकर 2300 किसानों के आवेदनों को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। हां, करीब 2000 के करीब आवेदनों के वर्क आर्डर जारी हो चुके हैं। उद्यान विभाग में असिस्टेंड एग्रीकल्चर ऑफिसर डॉ. विपिन भादू बताते हैं कि आवेदनों की पड़ताल के बाद मंजूरी दी जा चुकी है।
कृषि विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर बीआर बाकोलिया ‘ग्राम सेतु’ से कहते हैं, ‘ यह अच्छी योजना है। इसके तहत किसानों को साढ़े सात एचपी तक का सोलर पम्पसेट लगाने पर लागत का अधिकतम 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। किसानों के लिए सोलर पम्पसेट काफी फायदेमंद है। जिले में सोलर पंप काफी संख्या में लगे हुए हैं। इनके रखरखाव की जानकारी के अभाव में किसानों को नुकसान भी होता है। इसलिए किसानों को इसे लगाने से पहले इसकी सार-संभाल को लेकर भी पूरी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।’
यह भी जानिए….
सोलर पंपसेट लगाने के दौरान कुछ बातों की सावधानियां जरूरी है। एक्सपर्ट के मुताबिक, ऊर्जा जेनरेशन के लिए सोलर प्लेट हमेशा दक्षिण दिशा की ओर अलग अलग डिग्री में झुकाव पर रखा जाता है। आंधी के दृष्टिगत, ध्यान रखना जरूरी है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान फसलों के साथ साथ सोलर प्लेट्स को होता है। तेज आंधी तूफान से बड़े पेड़ भी गिर जाते हैं। सोलर प्लेट्स का ढांचा थोड़ा झुका होने के कारण इसके रखरखाव और सुरक्षा पर आंधी तूफान वाले मौसम में ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता रहती है। जिन किसानों के खेतों में सोलर सिस्टम स्थापित हैं वह किसान अपने सोलर पंपसेट की प्लेट्स को ऊपर आसमान की ओर करके बिल्कुल सीधा कर दें। ताकि तेज आंधी तूफान का अवरोध कम हो जाए।