ग्राम सेतु ब्यूरो. नई दिल्ली.
केंद्र सरकार ने फूड स्टोरेज स्कीम को मंजूरी दे दी। इस स्कीम पर एक लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। योजना के तहत हर ब्लॉक में 2000 टन क्षमता का गोदाम बनाया जायेगा। इसके लिए एक अंतर-मंत्रालयी कमेटी का गठन होगा। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी। इस स्कीम को सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 10 जिलों में लागू किया जाएगा।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि स्टोरेज की कमी की वजह से जो अनाज की बर्बादी होती थी वह इससे रुकेगी। जिन किसानों को स्टोरेज न मिलने की वजह से अपनी उपज को औने-पौने दाम पर बेचना पड़ता था अब वह भी नहीं करना होगा। वो अपने हिसाब से अनाज बेच सकेंगे। अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। रूस और ब्राजील जैसे दूसरों बड़े प्रोड्यूसर्स के पास उत्पादन से ज्यादा भंडारण की क्षमता है, लेकिन हमारे पास पैदावार के केवल 47 फीसद स्टोरेज की कैपेसिटी है। उन्होंने कहा कि श्हर ब्लॉक में 2000 टन का गोडाउन बनाया जाएगा। प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों में भी 500-2000 टन के गोडाउन बनेंगे। अनुराग ठाकुर ने कहा की हमारी स्टोरेज कैपेसिटी अगले 5 साल में 1450 लाख टन से बढ़कर 2150 लाख टन हो जाएगी। भारत में 3100 लाख टन फूड ग्रेन की पैदावार होती है। स्कीम के लागू होने से बड़े फायदे होंगे। इसके तहत फूड स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ने से इंपोर्ट कम होगा तथा पंचायत स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। किसानों को उत्पादन पर बेहतर कीमत मिलेगी। अनाज की ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में कमी आएगी तथा अन्न खराब नहीं होगा व इससे अन्न की बरबादी रुकेगी।