प्रेम सहू बोले-बालिका शिक्षा के साथ सुरक्षा व स्वच्छता सर्वोपरि

ग्राम सेतु ब्यूरो.
हनुमानगढ़ जिले के गांव बहलोलनगर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में वार्षिक उत्सव पर ‘बाळिका जाजरू’ का उद्घाटन अतिथियों द्वारा किया गया। रूकमणी देवी सुखराम सहू चौरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रेम सहू, इंजी. हंसराज शर्मा, सरपंच गुरलालसिंह, डॉयरेक्टर घेरूराम गोदारा, समाजसेवी सुभाष गोयल, कालूराम वर्मा, भागीरथ स्वामी, जसवंतसिंह कस्वां, विनोद मूंड, सोहनपाल शर्मा सहित अनेक अतिथियों ने रिबन काटकर शौचालय का उद्घाटन किया। ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रेम सहू ने बताया कि बालिका शौचालय में सैनेटरी नैपकिन बांटने वाली और नैपकिन निस्तारण वाली आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। इस प्रकार के शौचालय में करीब 4-5 लाख रुपए लागत आती है। हमें बालिकाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है क्योंकि शौचालय आदि में साफ सफाई न होने से संक्रमण फैलता है जिससे सरवाईकल कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होती है। ट्रस्ट बालिकाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता पर ध्यान देखकर बालिका शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। ट्रस्ट हनुमानगढ़ जिले में अब तक आधा दर्जन बालिका शौचालय बना चुकी है। इससे पहले विद्यालय में वार्षिक उत्सव धूमधाम से मनाया गया जिसमें विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर ओमप्रकाश गोदारा, मदनलाल मील, नेतराम गोदारा, आदराम लोहरा, नथूराम मलखट, बद्रीप्रसाद नैण, मनोहर गोदारा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। उपप्राचार्य गुरदीपसिंह ने बालिका शौचालय कए लिए ट्रस्ट, सफल कार्यक्रम हेतु अतिथियों व ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया। मंच संचालन नंदलाल स्वामी ने किया।
‘बाळिका जाजरू’ मतलब बालिका शौचालय
‘आपणो राजस्थान आपणी राजस्थानी’ के हरीश हैरी ने कहा कि बेटी बचाओ अभियान के साथ साथ मायड़ भाषा राजस्थानी को बचाने के लिए बहलोलनगर के ग्रामीणों ने राजस्थानी को व्यवहार की भाषा बनाकर सच्ची मान्यता दी है। इसी कड़ी में हरीश हैरी की प्रेरणा से बालिका शौचालय पर स्लोगन सहित सभी जानकारी राजस्थानी भाषा में लिखी गई। हरीश हैरी ने चेयरमैन प्रेम सहू और हंसराज शर्मा को मुंबई हाईकोर्ट के वकील राजेन्द्र की इनकम टैक्स पर लिखी हुई राजस्थानी पोथी ‘आवकलाग और लागदेणार’ भेंट की। प्रेम सहू ने राजस्थानी भाषा की जागरूकता के लिए ग्रामीणों द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने राजस्थानी भाषा की जागरूकता के लिए हर संभव सहयोग देने का वादा किया। विद्यालय परिवार व अतिथियों द्वारा चेयरमैन प्रेम सहू और हंसराज शर्मा को शॉल उढ़ाकर, स्मृति चिह्न देखकर सम्मानित किया गया।

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