सीएम भजनलाल शर्मा का बड़ा ऐलान, 5000 गांव होंगे बीपीएल मुक्त

ग्राम सेतु डॉट कॉम.
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कोटा में आयोजित एक जनसभा के दौरान बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने गरीबी उन्मूलन को प्राथमिकता में रखते हुए ‘बीपीएल मुक्त गांव’ बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने प्रथम चरण में प्रदेश के 5000 गांवों को चिह्नित कर लिया है, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से गरीबी से मुक्त किया जाएगा।
सीएम ने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस ने केवल ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया था, लेकिन उनका गरीबी से कभी कोई वास्ता नहीं रहा। हमारी सरकार गरीबी को जमीन से हटाने का संकल्प लेकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार न सिर्फ योजनाएं बना रही है, बल्कि उन्हें ज़मीन पर उतारने का रोडमैप भी तैयार कर चुकी है। जिन गांवों को चिन्हित किया गया है, वहां संपूर्ण सामाजिक-आर्थिक सर्वे के आधार पर जरूरतमंदों को चिन्हित कर योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल नारेबाजी से गरीबी नहीं हटती, इसके लिए नीतिगत इच्छाशक्ति और समयबद्ध अमल जरूरी होता है। भाजपा सरकार ने इस दिशा में गंभीर पहल करते हुए बीपीएल मुक्त गांवों की अवधारणा पर काम शुरू कर दिया है, जो देशभर में एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत होगी।
महिलाओं पर अत्याचार में आई 11 फीसद की कमी
सीएम शर्मा ने बीपीएल मुक्त अभियान के साथ-साथ महिला सुरक्षा की दिशा में उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डेढ़ साल के भीतर महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 11ः की कमी आई है, जो कानून व्यवस्था को लेकर सरकार की सख्ती और तत्परता का प्रमाण है।
रोजगार को लेकर भी दिए ठोस आंकड़े
गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ सीएम ने रोजगार देने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र के अनुसार एक साल में एक लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य तय किया गया था, जिसमें अब तक 69 हजार युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है। सीएम ने कहा ‘हम 5 साल में 4 लाख युवाओं को रोजगार देकर रहेंगे। हमने वैकेंसी से लेकर पेपर, रिजल्ट और नियुक्ति पत्र तक का फुलप्रूफ रोजगार कैलेंडर जारी किया है।’
बयान के मायने
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का यह बयान न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राजस्थान की सामाजिक-आर्थिक दिशा को बदलने की एक यथार्थवादी और क्रियाशील योजना की घोषणा है। ‘गरीबी मुक्त गांव’ की अवधारणा अगर सही ढंग से लागू होती है, तो यह राजस्थान को एक नवीन विकास मॉडल की ओर ले जा सकती है, जहां हर घर में समृद्धि, सम्मान और अवसर होंगे।

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