




ग्राम सेतु ब्यूरो.
राजस्थान की राजनीति में 17 जुलाई को एक दिलचस्प तस्वीर नजर आई। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के जयपुर दौरे के दौरान दादिया गांव में आयोजित ‘सहकार एवं रोजगार उत्सव’ के मंच पर भाजपा की आंतरिक सियासत का संतुलन झलकता नजर आया। मंच पर सीटिंग अरेंजमेंट ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि राजस्थान भाजपा नेतृत्व सभी धड़ों को साधने की रणनीति पर काम कर रहा है। कार्यक्रम में जहां एक ओर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अमित शाह के समीप स्थान दिया गया, वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए भी मंच पर प्रमुख स्थान सुनिश्चित किया गया। यह राजनीतिक संतुलन का संकेत था, जिससे पार्टी ने साफ संदेश देने की कोशिश की कि भाजपा एकजुट है और सभी नेताओं को समान सम्मान मिल रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अमित शाह का पारंपरिक राजस्थानी अंदाज में स्वागत किया। उन्हें विशेष रूप से तैयार किया गया सांगानेरी प्रिंट का साफा पहनाया गया। शाह के चेहरे पर मुस्कान और भजनलाल के आत्मविश्वास ने यह दर्शाया कि राजस्थान सरकार और केंद्र के बीच मजबूत तालमेल बना हुआ है। मंच की व्यवस्था में जो सबसे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बात दिखी, वह थी नेताओं की सीटिंग प्लेसमेंट। अमित शाह के एक ओर जहां मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बैठे, वहीं उनकी दूसरी ओर केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ मौजूद थे। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समीप डिप्टी सीएम दिया कुमारी को बैठाया गया, जो वसुंधरा गुट और नए नेतृत्व के बीच सेतु के रूप में देखी जा रही हैं।

उधर, कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए 8,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पीठ थपथपाते हुए कहा कि राजस्थान सरकार ने बेहद कम समय में सहकारिता को सशक्त आधार बना दिया है। यह सहकारिता के अगले 100 वर्षों की मजबूत नींव है। अपने संबोधन की शुरुआत में शाह ने राजस्थान की ऐतिहासिक विभूतियों-पन्नाधाय, भामाशाह और महाराणा प्रताप को नमन करते हुए कहा कि राजस्थान न केवल वीरता की भूमि है, बल्कि सहकारिता के क्षेत्र में भी नई मिसालें गढ़ रहा है।” उन्होंने कहा कि पिछले सौ वर्षों में सहकारिता ने भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन अगले सौ वर्ष सहकारिता के स्वर्णिम युग होंगे।

गृह मंत्री ने बताया कि आज देशभर में 8 लाख 50 हजार सहकारी संस्थाएं सक्रिय हैं, जिनके माध्यम से 31 करोड़ नागरिक सीधे जुड़े हैं। ग्रामीण भारत में 99ः तक सहकारिता की उपस्थिति है, जो दर्शाता है कि इस व्यवस्था में कितना सामर्थ्य है। शाह ने राजस्थान को मूंगफली, ज्वार, चना और तिलहन जैसी फसलों के उत्पादन में अग्रणी बताया और कहा कि राज्य देश के कृषि विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि ऊंटनी के दूध पर वैज्ञानिक शोध कार्य आरंभ किया गया है, जिससे आने वाले वर्षों में राजस्थान के पारंपरिक पशुधन का संरक्षण संभव हो सकेगा। गृह मंत्री ने कहा कि राजस्थान पूर्ववर्ती सरकार के समय पेपर लीक मामलों से त्रस्त था, लेकिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में बनी एसओजी ने पेपर माफियाओं के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है। शाह ने राइजिंग राजस्थान अभियान, वैट कटौती, एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी जैसे कार्यों की सराहना करते हुए कहा, ‘राज्य सरकार ने केंद्र की योजनाओं को जमीनी स्तर तक प्रभावी रूप से पहुँचाया है।’

अमित शाह ने विश्वास जताया कि केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी से राजस्थान सहकारिता के क्षेत्र में 2047 तक देश का अग्रणी राज्य बन जाएगा। उन्होंने कहा कि यह उत्सव महज़ नियुक्तियों का नहीं, बल्कि नए भारत के निर्माण की दिशा में सहकारिता के युग की शुरुआत है। कार्यक्रम की शुरुआत सहकारिता मंत्री गौतम दक के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने राज्य में सहकारिता के क्षेत्र में हो रहे नवाचार, विस्तार और रोजगार सृजन की दिशा में किए गए कार्यों का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि कैसे सहकारिता आंदोलन ने ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्वावलंबन की नींव रखी है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने भाषण में अमित शाह को ‘आधुनिक राजनीति का चाणक्य’ बताया। उन्होंने कहा-‘गृह मंत्री अमित शाह ने सहकारिता के माध्यम से देश में नई क्रांति की नींव रखी है। वे वर्षों पहले ही यह भाव समझ चुके थे कि सहकारिता देश की अर्थव्यवस्था और समाज में किस प्रकार क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।’ शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार सहकारिता की ताकत को समझती है। वह इस क्षेत्र को किसानों को उचित मूल्य दिलाने, महिलाओं को सशक्त करने, छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक जागृति लाने का माध्यम बना रही है।

गृह मंत्री ने बताया कि आज राजस्थान देश के सहकारिता मानचित्र पर अग्रणी राज्यों में गिना जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘राजस्थान को देश के टॉप-5 सहकारी राज्यों में लाकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बड़ा काम किया है।’ उन्होंने आश्वस्त किया कि 2047 तक राजस्थान को सहकारिता में देश में नंबर-1 बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।’ अपने संबोधन में अमित शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में जब देश आतंकवाद के साये में जी रहा था, आज मोदीजी के नेतृत्व में भारत मजबूत, सुरक्षित और वैश्विक मंच पर सशक्त बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दे दिया कि भारत अपने नागरिकों की रक्षा और संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा।



