सरपंच नवनीत संधू का नवाचार, मियावाकी पद्धति से सधन पौधरोपण देख अभिभूत हुए कलक्टर डॉ. खुशाल यादव, जानिए… क्या बोले ?

ग्राम सेतु डॉट कॉम.
हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय से मात्र नौ किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत श्रीनगर, इन दिनों पूरे जिले में पर्यावरण संरक्षण के नवाचार मॉडल के रूप में चर्चाओं में है। इसकी सरपंच नवनीत संधू न सिर्फ उच्च शिक्षित हैं, बल्कि प्रशासनिक सक्रियता और नवाचारों के लिए जानी जाती हैं। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उनका एक प्रयोग अब मिसाल बनता जा रहा है। गत वर्ष श्रीनगर-गंगागढ़ क्षेत्र में सरपंच नवनीत संधू की अगुवाई में मियावाकी पद्धति से पौधरोपण का एक पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ किया गया। जापानी मूल की इस पद्धति में कम स्थान में घना और स्वावलंबी वन विकसित किया जाता है। आश्चर्यजनक रूप से, यह प्रयास पूरी तरह सफल रहा और अब यह प्रयास एक आंदोलन का रूप ले रहा है। इस नवाचार को विस्तार देते हुए पंचायत ने कई नए स्थानों पर भी इसी तकनीक से वन विकसित करना शुरू कर दिया है।
मंगलवार को जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव स्वयं श्रीनगर पहुंचे और वहां मियावाकी पद्धति से हो रहे पौधरोपण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने न केवल वन क्षेत्र का मुआयना किया, बल्कि पौधरोपण में भाग लेकर आमजन को पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। उन्होंने कल्याण भूमि में पूर्व में विकसित वन और वहां संचालित पौधशाला की भी सराहना की।
डॉ. यादव ने कहा, ‘मियावाकी पद्धति सीमित भूमि क्षेत्र में अधिकतम घना वन विकसित करने की प्रभावी तकनीक है। यह तकनीक पर्यावरणीय असंतुलन को दूर करने का सशक्त माध्यम बन सकती है। हमें इस पद्धति को अधिक से अधिक स्थानों पर अपनाना चाहिए।;
निरीक्षण के पश्चात ग्राम पंचायत भवन में आयोजित सभा में डॉ. यादव ने उपस्थित ग्रामवासियों को विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना की विशेषताओं पर प्रकाश डाला और बताया कि महज 850 रुपए वार्षिक प्रीमियम में कोई भी नागरिक 25 लाख रुपए तक के स्वास्थ्य बीमा का लाभ ले सकता है। उन्होंने ग्रामीणों से इन योजनाओं से जुड़ने का आह्वान किया।
सरपंच नवनीत संधू ने बताया कि पंचायत क्षेत्र में पहले पर्यावरणीय विश्लेषण किया गया, उसके बाद मियावाकी पद्धति को अपनाया गया। खास बात यह रही कि ईंट भट्टा संचालकों को भी इस पद्धति के लाभों से अवगत कराया गया और उन्हें प्रशिक्षण दिया गया ताकि वे अपने परिसर में ‘ऑक्सीजन बैंक’ के रूप में छोटे वन विकसित कर सकें। नवनीत संधू ने जिला कलेक्टर के समक्ष घग्घर नदी के तटबंधों के सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता भी रखी, जिसे प्रशासन ने गंभीरता से लिया।
इस मौके पर बीडीओ राजीव यादव, पीआरओ राजपाल चौधरी, वरिष्ठ पत्रकार गोपाल झा, एईएन मीनाक्षी सहारण, योगेश कुमावत, निपेन शर्मा, दीपक संधू, सहित कई गणमान्य नागरिक और ग्रामीण उपस्थित थे। सभी ने पंचायत द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और इसे अन्य ग्राम पंचायतों के लिए प्रेरणास्रोत बताया। वक्ताओं ने कहाकि श्रीनगर पंचायत ने यह सिद्ध कर दिया है कि अगर नेतृत्व दूरदर्शी और प्रतिबद्ध हो, तो ग्रामीण क्षेत्र भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। नवनीत संधू की सोच, प्रशासन का सहयोग और जनभागीदारी, ये तीनों मिलकर श्रीनगर को एक हरित आदर्श पंचायत के रूप में स्थापित कर रहे हैं।

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