सिख धार्मिक प्रतीकों के सम्मान व अधिकारों की सुरक्षा की उठी मांग, ये बोले अल्पसंख्य आयोग सदस्य हरदीप सिंह चहल

ग्राम सेतु ब्यूरो.
राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने हाल ही में जयपुर में घटी एक संवेदनशील घटना को लेकर राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर एक महत्त्वपूर्ण ज्ञापन सौंपा। आयोग के सदस्य हरदीप सिंह चहल ने मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार, प्रमुख सचिव सुधांश पंत, मुख्यमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव जगबीर सिंह एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह, पुलिस, गृह रक्षा एवं जेल विभाग) भास्कर ए. सावंत से शिष्टाचार भेंट कर यह ज्ञापन प्रस्तुत किया।
उल्लेखनीय है कि 27 जुलाई को जयपुर में एक गुरसिख छात्रा गुरप्रीत कौर को परीक्षा में केवल इस आधार पर प्रवेश से वंचित कर दिया गया कि उसने सिख धार्मिक परंपरानुसार कड़ा व कृपाण धारण किया हुआ था। इस घटना ने न केवल सिख समुदाय को आहत किया, बल्कि संविधान में प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े किए।
ज्ञापन में मुख्यमंत्री का ध्यान इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति की ओर आकृष्ट करते हुए आग्रह किया गया कि सभी जिलों के कलेक्टरों और प्रशासनिक अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं, जिससे भविष्य में किसी भी गुरसिख विद्यार्थी को उसकी धार्मिक पहचान के कारण परीक्षा या किसी अन्य शैक्षणिक गतिविधि से वंचित न किया जाए। साथ ही, सभी शैक्षणिक संस्थानों को धार्मिक सहिष्णुता, विविधता और संवेदनशीलता के प्रति जागरूक किया जाए।
कांग्रेस नेता हरदीप सिंह चहल ने कहाकि इस मुद्दे को लेकर सिख समाज में गहरा रोष व्याप्त है। श्रीगंगानगर से लोकसभा सांसद कुलदीप इंदोरा तथा संगरिया से विधायक अभिमन्यु पूनिया ने भी पूर्व में घटित इसी प्रकार की घटनाओं को याद करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपनी चिंता और तीव्र रोष प्रकट किया है। दोनों जनप्रतिनिधियों ने सिख छात्रों के अधिकारों की रक्षा की पुरजोर मांग की है।
राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग की ओर से इस संवेदनशील पहल के तहत श्री हरदीप सिंह चहल ने सांसद कुलदीप इंदोरा और विधायक अभिमन्यु पूनिया का विशेष आभार व्यक्त किया, जिन्होंने सिख समुदाय की भावनाओं को मुखरता से राज्य सरकार के समक्ष रखा।
अल्पसंख्यक आयोग ने इस घटनाक्रम को धार्मिक स्वतंत्रता, संवैधानिक मूल्यों और मानवाधिकारों की दृष्टि से अत्यंत गंभीर मानते हुए राज्य सरकार से अपेक्षा जताई है कि शीघ्र ही प्रभावी दिशा-निर्देश जारी कर इस विषय में ठोस कार्रवाई की जाएगी।

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