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राजस्थान में शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर का अचानक किसी गांव का निरीक्षण करना कोई मामूली घटना नहीं है, खासकर तब जब यह दौरा सफाई व्यवस्था की पोल खोल दे। हाल में, जब मंत्री दिलावर श्यामपुरा ग्राम पंचायत के घनाहेड़ा गांव पहुंचे, तो गांव की दुर्दशा देख उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। यह दौरा एक तरह से राजस्थान की पंचायती व्यवस्थाओं की कलई खोल गया, जिसमें हर माह सफाई मद में लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर गांव की गलियों में गंदगी का साम्राज्य कायम है।
मंत्री दिलावर ने जब गांव के लोगों से सफाई के बारे में सवाल किया, तो जवाब बेहद चौंकाने वाला था-‘पंद्रह दिन में एक बार सफाई होती है, झाड़ू रोज नहीं निकलती, और कचरा उठाने वाली गाड़ी तो कभी आई ही नहीं।’ यह बयान खुद ग्रामीणों का था, जो इस बात का प्रमाण है कि सरकार द्वारा सफाई के लिए दिए जाने वाले एक लाख रुपये हर पंचायत में कहां और कैसे खर्च हो रहे हैं, यह एक खुला प्रश्न है।
मंत्री दिलावर ने मौके पर तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी महावीर को फोन किया, जो अब लटूरी में तैनात हैं। मंत्री ने उन्हें साफ शब्दों में चेतावनी दी, ‘लटूरी में भी सफाई नहीं हो रही, तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई करूंगा।’ यह एक सख्त संदेश था, उन अधिकारियों के लिए जो अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतते हैं, मगर फाइलों में सब कुछ साफ-सुथरा दर्शाते हैं।
दिलावर की शैली और सत्ता का संतुलन
इस पूरे घटनाक्रम को सिर्फ एक प्रशासनिक निरीक्षण मानना भूल होगी। मदन दिलावर ने न सिर्फ मौके पर जनता से संवाद किया, बल्कि उन्हें ‘मेरे नंबर पर कॉल करो’ कहकर एक राजनेता की उस छवि को प्रस्तुत किया, जो जनता के सीधे संपर्क में रहना चाहता है। एक ओर ये बयान ग्रामीणों को आश्वस्त करते हैं, वहीं दूसरी ओर वे क्षेत्रीय प्रशासन और सरपंचों को चेतावनी भी देते हैं, अब ‘काम नहीं करने’ का मतलब सीधे मंत्री की निगरानी में आ जाना है।
सियासी मायने
दिलावर का यह औचक दौरा और उनके तेवर स्पष्ट रूप से एक संकेत हैं कि राज्य सरकार अब पंचायती व्यवस्था की नाकामी को लेकर गंभीर होती जा रही है। मगर सवाल यह भी है कि अगर पंचायतों को हर महीने ₹1 लाख दिए जा रहे हैं, तो क्या उन पैसों की ऑडिटिंग हो रही है? अगर नहीं, तो यह पूरा तंत्र ग्रामीण विकास की बजाय कागज़ी खानापूर्ति और ठेका कंपनियों की बंदरबांट में तब्दील हो चुका है।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि राजस्थान में निकाय और पंचायत चुनाव आने वाले महीनों में संभावित हैं। ऐसे में मंत्री दिलावर का यह जनता के बीच जाकर कार्रवाई का वादा करना राजनीतिक तौर पर बीजेपी की छवि को ‘कर्तव्यनिष्ठ, सख्त और जवाबदेह’ दिखाने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। यह संदेश विशेष रूप से उन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए है, जहां कांग्रेस या अन्य दलों का मजबूत आधार रहा है।



