वैसे तो प्राणायाम युवा-वृद्ध, स्त्री-पुरुष हर व्यक्ति कर सकता है। लेकिन बुजुर्गों को प्राणायाम में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। प्राणायाम-बुजुर्गों, के लिए क्यों जरूरी है तथा सीनियर-सिटिजन प्राणायाम कैसे करें? आइए, जानते हैं। प्राणायाम जरूरी क्यों?
डॉ. पीयूष त्रिवेदी.
आयु बढने के साथ-साथ हमारे शरीर की श्वसन क्रिया कमजोर हो जाती है। शरीर की इम्यूनिटी भी कम होने लगती है। इसी कारण वृद्धावस्था में कई बीमारियां हो जाती हैं, जैसे कि श्वास-रोग, मानसिक रोग, हृदय-रोग, जोड़ों का दर्द तथा अन्य रोग।
‘सीनियर सिटीजन’ को प्राणायाम से पहले कुछ सरल आसन या सूक्ष्म-व्यायाम करने लेने चाहिए। जो व्यक्ति आसन करने की स्थिति में न हो वे थोड़ा पैदल चलने का अभ्यास करें और इसके बाद श्वासों को सामान्य करके प्राणायाम करें।
प्राणायाम हमारे श्वसनतंत्र को सुदृढ़ करता है। इस से हृदय को मजबूती मिलती है और प्राण-शक्ति की वृद्धि होती है। इसलिए सीनियर सिटीजन को प्राणायाम अवश्य करना चाहिए। प्राणायाम करते समय कुछ सावधानियां ध्यान मे रखें।
बुजुर्ग (सिनीयर सिटीजन) प्राणायाम कैसे करें? जो व्यक्ति अपनी युवा-अवस्था के समय से योगाभ्यास कर रहे हैं। उनको वृद्धावस्था में आसन-प्राणायाम करने से कोई परेशानी नहीं होती है। लेकिन हमारे वे बुजुर्ग बंधुगण जो अब योग करना चहाते है, क्या वे प्राणायाम कर सकते है? आगे इस लेख मे यह बताया जाएगा कि प्राणायाम कैसे करे? और क्या सावधानी रखे तथा प्राणायाम के क्या लाभ है?
जो ‘सीनियर-सिटीजन’ स्वस्थ है और श्वासों की स्थिति सही है। वे पूरी विधि के अनुसार प्राणायाम कर सकते है। लेकिन जो अधिक वृद्ध हैं, या नए है, प्राणायाम पहली बार कर रहे, या ‘श्वास’ से सम्बंधित कोई परेशानी है। तो ऐसे व्यक्ति सरल प्राणायाम करें। आगे हम ऐसे व्यक्तियों के लिए कुछ सरल प्राणायाम और उनको करने का तरीका बताएंगे।
प्राणायाम की विधि , प्राणायाम करने के लिए कुछ नियमो का पालन करें। अभ्यास अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार करें। क्षमता से अधिक कोई अभ्यास न करें।
स्थान: प्राणायाम के लिए पार्क जैसा प्राकृतिक वातावरण वाला स्थान उत्तम है। लेकिन घर पर भी कर सकते है। घर पर खुला और हवादार स्थान होना चाहिए।
समय: योग के लिए सुबह का समय उत्तम है।
ऋतु (मौसम): प्राणायाम हर मौसम में किया जा सकता है। वर्षा ऋतु के समय खुले मे अभ्यास न करें। कुछ प्राणायाम मौसम के अनुसार किए जाते हैं।
बैठने की स्थिति: दरी, चटाई या कपड़े का आसन बिछा कर योगाभ्यास करें। पद्मासन या सुखासन में बैठकर अभ्यास करना उत्तम है। लेकिन कुछ सीनियर सिटीजन को घुटने मोड़ कर बैठने में परेशानी होती है। वे पद्मासन या सुखासन में नहीं बैठ सकते। यदि आपको भी कोई ऐसी परेशानी है, तो नीचे बैठने का प्रयास न करें। ऐसी स्थिति में आप कुर्सी पर बैठकर केवल सरल प्राणायाम करें।
प्राणायाम में सावधानी
प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक स्थिति अलग अलग होती है। योग के सभी अभ्यास अपने शरीर की क्षमता के अनुसार ही करें। प्राणायाम में बुजुर्ग को इन सावधानियों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। प्राणायाम करते समय अपनी क्षमता का ध्यान रखें।
अस्थमा पेशंट, हृदय रोगी और अधिक वृद्ध व्यक्ति केवल सरल प्राणायाम करें। सरल प्राणायाम में लम्बे गहरे श्वास लेना और छोड़ना, अनुलोम विलोम तथा भ्रामरी प्राणायाम हैं। तीव्र गति वाले प्राणायाम न करे। धीमी गति से प्राणायाम करें। कुम्भक का प्रयोग न करें। यदि आप के श्वासों की स्थिति ठीक है तो हल्का कुम्भक लगा सकते हैं। (श्वास को अंदर या बाहर रोकने की स्थिति को कुम्भक कहा गया है),
सरल प्राणायाम: कुछ सरल प्राणायाम है जो सभी आसानी से कर सकते हैं।
श्वास-प्रश्वास: यह बहुत ही सरल प्राणायाम है। इसको सभी वृद्ध व्यक्ति आसानी से कर सकते है। हम इस क्रिया को तीन चरणों मे विभाजित कर रहे है। क्योंकि सभी सीनियर-सिटीजन की शारीरिक क्षमता अलग-अलग होती है।
पहला चरण: सुविधा के अनुसार बैठें। पीठ को सीधा रखें। दोनों हाथ घुटनों पर ‘ज्ञान-मुद्रा’ में या सुविधा जनक स्थिति मे रखे।
नासिका से लम्बा और गहरा श्वास भरें। पूरी तरह श्वास भर जाए तो श्वास को बिना रोके पूरी तरह खाली करें। यह एक आवर्ती हुई। इसी प्रकार पांच आवर्तिया करें। आवर्तिया अपनी सुविधा के अनुसार घटा-बढा सकते है।
दूसरा चरण: यह उन व्यक्तियों के लिए है जिनके श्वासों की स्थिति कुछ ठीक है। इसमें श्वासों को धीरे-धीरे भरना है और धीर-धीरे ही खाली करना है। श्वास भरने और खाली करने मे समय लगाए। दो या तीन आवर्तियाँ अपनी सुविधा के अनुसार करे।
तीसरा चरण: यह उन व्यक्तियों के लिए है जो स्वस्थ है और जिनके श्वासों की स्थिति अच्छी है। नासिका से श्वास धीमी गति से भरें। जब पूरा श्वास भर जाए तो कुछ सेकेंड सुविधानुसार रुकें और धीमी गति मे श्वास खाली कर दें। यह एक आवर्ती हुई। अपनी सुविधा के अनुसार अन्य आवर्तियाँ करें। अंत मे श्वासों को सामान्य करें।
सावधानी: अस्थमा पीड़ित, हृदय-रोगी, तीसरे चरण को न करें।
कपालभाति: दोनों हाथ घुटनों पर रखें। पीठ को सीधा रखें। इस प्राणायाम मे पेट पर दबाव डालते हुए तथा श्वास को झटकते हुए बाहर छोड़ना है। और सामान्य गति से श्वास भरना है।
सावधानी: यदि आपके श्वासों की अच्छी स्थिति है तो यह प्राणायाम करें। इस प्राणायाम को अधिक तीव्र गति से न करें। धीमी गति रखें।
- अनुलोम विलोम: यह भी एक सरल प्राणायाम है। इस क्रिया को सभी कर सकते है। कपालभाति के बाद इसे अवश्य करें।
विधिः सुविधा पूर्वक स्थिति में बैठें। पीठ को सीधा रखें। बाँया हाथ बाँये घुटने पर ज्ञानमुद्रा में या सुविधा अनुसार रखें। दाँये हाथ से प्राणायाम मुद्रा बनाएँ। दाँयी नासिका बंद करके बाँये से श्वास भरें और दाँये से श्वास छोङे। दाँये से श्वास भरके बाँये से खाली करें। यह एक आवर्ती हुई। इसी प्रकार अपनी क्षमता अनुसार अन्य आवर्तियाँ करे। प्राणायाम के बाद श्वासों को सामान्य करें।
सावधानी: बैठने की स्थिति पर ध्यान रखे। रीढ को सीधा करके बैठें। कमर को झुका कर न बैठें। प्राणायाम को अपनी सुविधा के अनुसार करें। - भ्रामरी प्राणायाम: यह आसानी से किया जाने वाला एक उत्तम प्राणायाम है। इसको सभी कर सकते है।
विधि: सुविधा जनक स्थिति मे बैठें। हाथों को कोहनियों से मोड़े। अंगोठो से दोनो कान बंद कर लें। दोनों हाथो की उंगलियाँ से आँखों को ढके (आँखो पर दबाव न डालें)। आँखें कोमलता से बन्द रखे। दोनो कान इस प्रकार बंद हो कि बाहर की कोई आवाज न सुनाई दे।
लम्बा साँस भरे और मुँह को बँध रखते हुये कण्ठ से ‘ऊ ऊ ऊ — ’ की आवाज निकाले। कान बन्ध होने के कारण आप को केवल यही आवाज सुनाई देगी। इसकी दो या तीन आवर्तियाँ करें।
प्राणायाम के लाभ - प्राणायाम से श्वसन प्रणाली सुदृढ होती है।
- लंग्स सक्रिय रहते हैं।
- आक्सीजन पर्याप्त मात्रा मे मिलने से हृदय को मजबूती मिलती है।
- प्राण-शक्ति मे वृद्धि होती है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
लेख का सार: सीनियर सिटीजन के लिए प्राणायाम विशेष लाभकारी है। कुछ सावधानियों के साथ नियमित आसन व प्राणायाम से शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। ध्यान रहे, योग क्रियाएँ अपनी शारीरिक अवस्था व क्षमता के अनुसार ही करनी चाहिए। श्वास रोगी, हृदय रोगी तथा अधिक वृद्ध व्यक्ति प्राणायाम न करें। लेख मे बताए गए प्राणायाम केवल स्वस्थ व्यक्तियों के लिए हैं।
-लेखक राजस्थान विधानसभा में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी हैं