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प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों की वित्तीय स्थिति खराब होने पर सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि कुछ वर्षों पहले प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक आर्थिक रूप से सुदृढ़ थे, लेकिन अनियमित ऋण वितरण एवं ऋण वसूली नियमित नही होने से इन बैंकों की वित्तीय स्थिति खराब हुई है। उन्होंने कहा कि बैंक रोजी रोटी का जरिया है। अतः अधिकारी एवं कर्मचारी व्यक्तिगत प्रयासों के द्वारा ऋण वसूली कर बैंक की वित्तीय स्थिति में सुधार करे एवं बैंकर्स की तरह कार्य करें। उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि जिन प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों की वित्तीय हालत अनियमित ऋण वितरण के कारण खराब है ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से मॉनिटरिंग कर फील्ड स्तर पर जाकर ऋण की वसूली करें। सहकारिता मंत्री ने कहा कि ऋण देते समय सिबिल स्कोर को ध्यान में रखें। उन्होंने निर्देश दिए कि दलाल या एजेंट के माध्यम से ऋण वितरण की शिकायत आने पर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। एजेंट या दलाल गलत ऋण वितरण को बढ़ावा देते है। उन्होंने कहा कि ऋण वसूली को प्राथमिकता दे एवं समय पर आम सभा करवाऐं ताकि पीएलडीबी के माध्यम से अधिक से अधिक पात्र किसानों को ऋण मिल सके। बैठक में प्रबंध निदेशक एसएलडीबी, विजय शर्मा ने बिन्दुवार एंजेडा रखा। इस अवसर पर एसएलडीबी के अधिकारी, प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के सचिव सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
लीकेज की व्यवस्था समाप्त करने की जरूरत: त्यागी
शासन सचिव सहकारिता शुचि त्यागी ने कहा कि बैंकिंग सिस्टम में सुधार करते हुए लीकेज की व्यवस्था को समाप्त करे। उन्होंने कहा कि मानदंडों को पूरा करने वाले व्यक्ति ऋण के लिए नही भटके। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों की एसीआर में उनकी परर्फाेमेंस नोट की जाएगी। त्यागी ने कहा कि धारा 55 की जांच के लंबित प्रकरणों की सूची एकत्रित कर जांच की समय सीमा निर्धारित की जाए एवं नियमित मॉनिटरिंग की जाए। रजिस्ट्रार सहकारिता, श्रीमती अर्चना सिंह ने कहा कि मिशन मोड में कार्य करे एवं ऋण वसूली के लिए लाइव लोकेशन को टेग करते हुए मॉनिटरिंग प्रक्रिया को अपनाए। ऋणियों में ऋण चुकाने की मानसिकता पैदा करे।