ग्राम सेतु डॉट कॉम.
अब जल्द ही बीकानेर में खजूर के टिश्यू कल्चर के पौधे तैयार किए जाएंगे। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर इन्हें तैयार करेगा। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय और केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान (सीआईएएच) के बीच हुए एमओयू को तीन साल और विस्तार देते हुए इसकी व्यवस्था की गई है। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने बताया कि सीआईएएच के साथ एमओयू को तीन साल बढ़ाया गया है। इसी के अंतर्गत स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि महाविद्यालय और सीआईएएच के संयुक्त शोध से खजूर के टिश्यू कल्चर के पोधे यूनिवर्सिटी में ही तैयार करने की व्यवस्था की जाएगी। इससे किसानों को खजूर की बरई, हलोवी, खनूजी समेत विभिन्न क़िस्मों के टिश्यू कल्चर के पौधे कम लागत में और समय पर उपलब्ध हो सकेंगे। इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा।
अनुसंधान निदेशक डॉ पीएस शेखावत ने बताया कि अब तक कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर द्वारा किसानों को खजूर का सकर्ष ही उपलब्ध करवाया जाता था। टिश्यू कल्चर के पौधे जयपुर, जोधपुर या अन्य स्थानों से मंगवाए जाते थे जो 4 से 5 हज़ार रुपए प्रति पौधा मिलता था। साथ ही कई बार समय पर भी पोधे उपलब्ध नहीं हो पाते थे। इससे किसानों को परेशानी होती थी। अब सीआईएएच के साथ एमओयू तीन साल बढ़ाने के साथ ही कृषि महाविद्यालय बीकानेर में ही कम क़ीमत पर और समय पर टिश्यू कल्चर के पोधे उपलब्ध हो सकेंगे। कृषि महाविद्यालय बीकानेर के अधिष्ठाता डॉ पी के यादव ने बताया कि एमओयू में लेबोरेट्री, रिसर्च, टीचिंग, गाइडिंग समेत कई अन्य मुख्य बिंदुओं को आगे बढ़ाया गया है जिसका लाभ यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को भी मिलेगा।