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अयोध्या रामजन्म भूमि राम मंदिर न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राम विलास वेदांती ने कहाकि रामराज्य स्थापित करना प्रत्येक हिंदू समाज का लक्ष्य होना चाहिए। ऐसा रामराज्य जहां पर किसी को किसी को कोई दिक्कत न हो। प्रत्येक व्यक्ति सुख व सुविधा के साथ जीवन यापन कर सके। यही रामराज्य की अवधारणा है। उन्होंने अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण और इससे जुड़े संघर्ष की जानकारी दी। वेदांती ने कहाकि राजा विक्रमादित्य ने अयोध्या में मंदिर बनवाया था। मंदिर लखनउ से दिखता था। बाद में बाबर ने मंदिर के सौंदर्य और जन आस्था से चिढ़कर उसे ध्वस्त करने का आदेश दिया था। टाउन दशहरा मैदान में श्री गणेश पंचायतन महायज्ञ के आयोजन के तहत भव्य कलश यात्रा के समापन पर वेदांती ने उपस्थित श्रद्धालुओं से यह बात कही। उन्होंने कहाकि श्रीराम न सिर्फ भगवान हैं, आराध्यदेव हैं बल्कि वे भारतवर्ष के कण-कण में विद्यमान हैं। भारत को राम से अलग नहीं किया जा सकता। विधायक गणेशराज बंसल ने कहा कि सौ कुण्डीय गणेश पंचायतन महायज्ञ का आयोजन होना क्षेत्रवासियों का सौभाग्य है। इससे न सिर्फ यहां का वातावरण शुद्ध होगा बल्कि इस क्षेत्र में रामराज्य की भी स्थापना होगी। यह आयोजन आस्था बढ़ाने का कार्य करेगा। ज्ञात रहे कि उक्त ऐतिहासिक भूमि पूजन से पूर्व हनुमानगढ़ क्षेत्र में शुभारम्भ करने के लिए भादरा में भगवान श्री गणेश का पूजन व यमुनानगर में भगवान सूर्यदेव का पूजन, काशी में भगवान शिव का पूजन, बद्रीनाथ में भगवान विष्णु का पूजन व अंत में प्रयागराज में आदिशक्ति की त्रिपुर सुन्दरी माता लक्ष्मी का पूजन किया गया। उन्होने शहरवासियों से अनुरोध किया कि उक्त ऐतिहासिक आयोजन में हर व्यक्ति अपना योगदान देकर धर्मलाभ उठाये, जिससे कि हनुमानगढ़ का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाये। शोभायात्रा के पश्चात महाआरती हुई जिसके बाद सभी श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण हुआ।
धर्म और संस्कृति की रक्षा जरूरी: साध्वी ऋतम्भरा
साध्वी ़ऋतम्भरा ने कहाकि धर्म और संस्कृति की रक्षा करना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है। इससे विमुख होने का मतलब है आप अपनी गौरवशाली सनातनी परंपरा की अनदेखी कर रहे हैं। साध्वी ने कहाकि भगवान श्रीराम का जीवन संघर्ष एक आदर्श है, प्रेरणास्पद है, अनुकरणीय है। श्रीराम चरित मानस एक गाथा है जिसे पढ़ने, समझने और जीवन में आत्मसात करने से जीवन सफल हो जाता है। उन्होंने पाश्चात्य शैली के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई और कहाकि इससे भारत खंडित हो जाएगा। दुनिया भारत की पद्धति को श्रेष्ठ मान रही है और भारत के दिग्भ्रमित लोग पाश्चात्य शैली को अंगीकार कर रहे हैं, यह घोर आश्चर्य का विषय है।
2100 कलशों की निकाली विशाल यात्रा
टाउन के दशहरा ग्राउंड में 11 से 17 मार्च तक आचार्य डॉ. गुणप्रकाश चैतन्य महाराज के सानिध्य में सौ कुण्डीय गणेश पंचायतन महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है जिसके तहत रविवार को विशाल कलश यात्रा निकाली गई। टाउन धानमंडी स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर से विशाल शोभायात्रा प्रारंभ हुई जो शहर की परिक्रमा करते हुए यज्ञ स्थल दशहरा ग्राउंड पहुंचकर विसर्जित हुई। विशाल कलश यात्रा में 2100 यजमानों की ओर से यजमान प्रायश्चित, यज्ञ शाला मंडप प्रवेश, ब्राह्मण वरण सहित अन्य कार्य सम्पन्न हुए। शोभायात्रा में सबसे आगे डीजे की धुन पर नाच गाकर भगतगण व पीछे पीछे भगवा वस्त्र धारण किए लक्ष्मीनारायण के जोड़े शोभायात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे। सोमवार से श्रीमद्भागवत की विलक्षण कथा, संत सम्मेलन और काशी की दिव्य और भव्य आरती होगी। 16 मार्च तक यह कार्यक्रम होंगे। 17 मार्च को इन कार्यक्रमों की पुर्णाहुति होगी। आयोजकों ने बताया कि देश के विशिष्ट संत-महंत, महामंडलेश्वर, आचार्य, महामंडलेश्वर, नाना प्रवृत्ति आचार्य इस यज्ञ को सम्पन्न करवाने के लिए पहुंच रहे हैं ताकि देश में रामराज्य की स्थापना हो सके।