



एडवोकेट दिनेश दाधीच.
हनुमानगढ़ शहर ही नहीं पूरे जिले में नशा निरंतर बढ़ता जा रहा है और धीरे-धीरे युवा पीढ़ी को अपने आगोश में समेट रहा है। पंजाब-हरियाणा की सीमा से लगता हमारा हनुमानगढ़ एक समय था जब नशा का कोई नामोनिशान नहीं था। केवल मात्र पंजाब के पश्चात श्रीगंगानगर जिले में सुना जा सकता था परंतु धीरे-धीरे उड़ता पंजाब की तर्ज पर हमारा हनुमानगढ़ भी अब ‘उड़ता हनुमानगढ़’ होने की राह पर है। हनुमानगढ़ जिले में पिछले कई वर्षों से आए दिन अवैध अफीम, पोस्त, स्मैक, गांजा और अत्यधिक संख्या में नशीली गोलियां एवं कैप्सूल संबंधी अपराध के मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद भी अपराधियों में पुलिस का भय भी नजर नहीं आता। पुलिस द्वारा समय-समय पर इतनी संख्या में कार्यवाही करने पर भी नशे के व्यापारी अपना अवैध नशे का धंधा बंद नहीं कर रहे हैं। यह अवैध नशे का व्यापार निरंतर चल रहा है जिससे युवा पीढ़ी नशे की दलदल में फंसती जा रही है। नशे के अवैध व्यापार से संबंधित ज्यादातर मुकदमे पंजाब-हरियाणा की सीमा पर स्थित पुलिस थाना संगरिया, टिब्बी, तलवाड़ा झील, हनुमानगढ़ टाउन, हनुमानगढ़ जंक्शन, पीलीबंगा, गोलूवाला एवं रावतसर मैं दर्ज होते हैं।
नशा के कारोबार बढ़ने का एक यह भी मुख्य कारण
राज्य सरकार द्वारा पूर्व में पोस्त की ठेका व्यवस्था थी जिससे नियमानुसार पोस्त लेकर नशेड़ी अपने नशे की आदत पूरी करते थे परंतु राज्य सरकार द्वारा जब से पोस्त पर बैन किया है तब से अवैध नशीली गोलियां एवं कैप्सूल नशेड़ी व्यक्तियों द्वारा खाने की प्रवृत्ति बढ गई है तथा इसके साथ-साथ अवैध व्यापार भी नशीली गोलियां और कैप्सूल के रूप में बढ़ गया है जो लोग पोस्त का नशा करते थे वे ज्यादातर गोलियों का नशा करने लगे। नशे के विरुद्ध पुलिस द्वारा समय-समय पर कार्यवाही की जाती रही है जिसके अनुसार सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी द्वारा उस व्यक्ति की मौका पर तलाशी लेकर अवैध नशे की वस्तु को बरामद कर उसे गिरफ्तार किया जाता है एवं उसके बताए अनुसार कि वह उक्त नशे की वस्तु कहां से व किस से लेकर आया उस बात की जांच कर और सही पाए जाने पर नशा बेचने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही की जाती है परंतु जानकारों की माने तो नशा बेचने वाले व्यक्ति के विरुद्ध की गई कार्यवाही इतनी मजबूत नहीं मानी जाती और वह छूटने में सफल हो जाता है क्योंकि उस व्यक्ति से अवैध नशे की वस्तु की बरामदगी नहीं हो पाती एवं जिस व्यक्ति से अवैध नशा बरामद हुआ है और जिस व्यक्ति से वह खरीद कर लाया है इन दोनों के बीच की कड़ी कहीं ना कहीं कमजोर रहने के कारण नशा बेचने वाला व्यक्ति कानूनी दाव-पेच से लाभ लेने में सफल हो जाता है।
कठोर कानून और विशेष न्यायालय
नशे के अवैध व्यापार को रोकने के लिए कठोर कानून बनाया हुआ है। इस प्रकार की सभी कार्यवाही एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत की जाती है जिसमें सभी अपराध अजमानतीय है। इस अधिनियम में अपराध को मात्रा के हिसाब से तीन भागों में विभाजित किया हुआ है। अल्प मात्रा जो 5 ग्राम तक है जिसमें 3 वर्ष तक की सजा एवं 10000 रुपये के जुर्माना का प्रावधान है। इसी प्रकार मध्यम मात्रा जिसमें 5 ग्राम से ऊपर की मात्रा होने पर 10 वर्ष तक की सजा एवं 100000 तक जुर्माना का प्रावधान है। इसी प्रकार वाणिज्यिक मात्रा होने पर कम से कम 10 वर्ष एवं अधिकतम 20 वर्ष तक की सजा एवं कम से कम 100000 एवं अधिकतम 200000 तक के जुर्माना का प्रावधान है
विशेष न्यायालय
अल्प मात्रा तक के अपराधों की सुनवाई संबंधित न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा ही की जाती है परंतु मध्यम मात्रा एवं वाणिज्यिक मात्रा से संबंधित अपराधों की सुनवाई हेतु विशेष न्यायालय की स्थापना की हुई है। हनुमानगढ़ में विशेष न्यायालय के रूप में एनडीपीएस कोर्ट स्थापित है जिसमें ऐसे अपराधियों की सुनवाई की जाती है।
अंतिम कड़ी तक पहुंचने की जरूरत
बढ़ते हुए नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए यह है अति आवश्यक है कि पुलिस द्वारा अंतिम कड़ी तक पहुंचा जाए। आए दिन विभिन्न प्रकार के अवैध मादक पदार्थों से संबंधित मुकदमे दर्ज होते हैं परंतु पुलिस मुख्य आरोपी तक नहीं पहुंच पाती जब तक नशा पैदा करने वाले और भारत में फैलाने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही नहीं होगी तब तक इस नशे के बढ़ते अपराध पर अंकुश लगा पाना संभव नहीं होगा।
पुलिस द्वारा आज तक कंपनी पर नहीं की कार्यवाही
पुलिस द्वारा आए दिन नशीली अवैध टेबलेट एवं कैप्सूल बरामद किए जाते रहे हैं परंतु जिस कंपनी द्वारा यह तैयार किए जाते हैं उस तक पुलिस आज तक नहीं पहुंच पाई है। जबकि यह अति आवश्यक है कि सरकार के प्रतिबंध के बावजूद कंपनियों द्वारा नशे के कारोबार को बढ़ाने के लिए ऐसे उत्पादन किए जा रहे हैं। ऐसी कंपनियों पर भी कार्यवाही किया जाना अति आवश्यक है। जब तक उत्पादन करने वाली कंपनियों पर कार्यवाही नहीं होगी तब तक ऐसे नशीली गोलियों एवं कैप्सुलों के अवैध नशे के व्यापार को रोक पाना संभव नहीं होगा।
-लेेखक एनडीपीएस कोर्ट में विशिष्ट लोक अभियोजक हैं