ग्राम सेतु ब्यूरो.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने अपने दिल्ली स्थित आवास से ‘मेरे गांव की मिट्टी-शुद्ध उगाओ, शुद्ध खिलाओ’ अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान की पहल मसाला कंपनी एमडीएच ने की है। इसका उद्देश्य किसानों को पेस्टीसाइड के दुष्परिणामों से अवगत कराना और उन्हें गुणवत्तापूर्ण तथा पेस्टीसाइडमुक्त फसलें उगाने के लिए प्रेरित करना है। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते 10 वर्षों में किसानों की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है लेकिन यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि किसान फसल की गुणवत्ता पर ध्यान दें। मेरे गांव की मिट्टी जैसी पहल न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगी बल्कि उनके खेतों की उर्वरता और उत्पादकता को भी बनाए रखेगी। यह अभियान किसानों को पेस्टीसाइड के प्रयोग को कम करने और अधिक स्वस्थ व स्वच्छ कृषि उत्पाद उगाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इस मौके पर नागौर के सुरेश राठी, एमडीएच के श्री शरद राठी और राजेन्द्र कुमार, स्पाईस बोर्ड ऑफ इंडिया के दिनेश बिष्ट, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जनरल सेक्रेटरी और खाद्य तेल कारोबारी हेमंत गुप्ता, केमिकल इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रधान प्रदीप गुप्ता, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जनरल सेक्रेटरी और सदर बाजार फेडरेशन के प्रधान राकेश यादव और सीपीएआई के बीके सभरवाल भी मौजूद रहे।
भारतीय कृषि उत्पादों का वैश्विक बाजार
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि दुनिया अब ऑर्गेनिक खेती की ओर देख रही है। पेस्टीसाइडमुक्त उत्पादों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए यह अभियान किसानों के लिए जागरूकता और मार्गदर्शन का माध्यम बनेगा। स्वस्थ भोजन तभी संभव है जब किसान स्वस्थ उत्पाद उगाएं। भारतीय कृषि उत्पादों का निर्यात लगभग 55 अरब डॉलर का है जिसमें मसालों का योगदान तेजी से बढ़ रहा है। वर्ष 2023-24 में मसालों के निर्यात में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस तरह के अभियानों से भारतीय मसाला उद्योग वर्ष 2030 तक 20 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
राजस्थान के किसानों के लिए विशेष फोकस
राजस्थान में उगाए जाने वाले जीरा, धनिया, लाल मिर्च, और अन्य मसालों की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए यह अभियान विशेष योगदान देगा। एमडीएच के सदस्य श्री प्रेम अरोड़ा ने बताया कि यह कंपनी पेस्टीसाइडमुक्त मसालों को ही प्रोसेस करती है और किसानों को इस दिशा में प्रेरित करने के लिए लगातार प्रयासरत है।