डॉ. पीयूष त्रिवेदी.
अगर आपसे कोई पूछे कि राजस्थान की सबसे खास सब्जी क्या है ? अगर आप राजस्थान से बाहर के हैं तो यकीनन आप कुछ देर के लिए सोच में पड़ जाएंगे। आइए, आज मैं एक ऐसी सब्जी के बारे में जानकारी साझा कर रहा हूँ जिसकी भारत और विदेशों में बहुत मांग है। मैं बात कर रहा हूँ कैर-सांगरी की जो कभी गाँवों तक ही सीमित थी, लेकिन अब यह दुनिया के कोने-कोने तक पहुँच चुकी है। न केवल अपने बेहतरीन स्वाद के कारण बल्कि खास तौर पर इसलिए क्योंकि यह पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से पैदा होती है। वर्तमान में सांगरी के साथ-साथ कैर भी हर किसी की पहली पसंद बन गई है।
क्यों है इतना खास
सांगरी और कैर प्राकृतिक रूप से पैदा होते हैं। इसके लिए कोई खेती नहीं की जाती। सांगरी खेजड़ी के वृक्ष पर उगती है और कैर झाड़ियों पर उगती है। यह सब्जी पूरी तरह से शुद्ध है क्योंकि इसमें किसी भी तरह की खाद या दवा का इस्तेमाल नहीं किया जाता।
सूखी सब्जी के रूप में पहचान
वैसे तो राजस्थान में कैर-सांगरी सीजन में मिलती है, तब इसकी सब्जी और अचार बनाया जाता है, लेकिन जब कैर-सांगरी सूख जाती है, तो उसके बाद बनाई गई सब्जी को प्राथमिकता दी जाती है, क्योंकि वह अधिक स्वादिष्ट होती है।
कैसे उगती है सांगरी
गर्मी बढ़ने पर खेजड़ी के वृक्ष पर सांगरी आने लगती है। इसी तरह भीषण गर्मी में कैर की पैदावार बढ़ जाती है। कैर-सांगरी तब उगती है जब तापमान 40-42 डिग्री के बीच पहुंच जाता है। प्राकृतिक रूप से पैदा होने के कारण यह किसी औषधि से कम नहीं है। सांगरी-कैर में विटामिन ए, कैल्शियम, आयरन और कार्बाेहाइड्रेट होते हैं। ये एंटी-ऑक्सीडेंट भी होते हैं। कैर के डंठल से पाउडर भी बनता है जो कफ और खांसी में काम आता है।
सूखे मेवे से भी जादा होती है कीमत
कैर-सांगरी पश्चिमी राजस्थान में गर्मियों में उगाई जाती है। इस क्षेत्र में जब सांगरी कच्ची होती है तो स्थानीय स्तर पर इसकी कीमत 100-120 रुपए प्रति किलो तक होती है। कैर भी इसी कीमत पर मिलती है। सूखने के बाद कैर-सांगरी की कीमत उत्पादन क्षेत्र में ही करीब 5 गुना बढ़ जाती है। जबकि दूसरे राज्यों में यह 1500-1800 रुपए प्रति किलो बिकती है। जबकि ऑनलाइन कैर-सांगरी की कीमत 2200-2500 रुपए प्रति किलो तक हैं।
-लेखक राजस्थान विधानसभा में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी हैं