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श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय के रसायन विभाग में बोर्ड ऑफ स्टडीज़ की महत्वपूर्ण बैठक विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. श्यामवीर सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में शैक्षणिक नवाचारों और पाठ्यक्रम के समकालीन संशोधनों को लेकर व्यापक चर्चा की गई। बैठक में एनसीईआरटी, नई दिल्ली से आए प्रतिनिधि डॉ. सुदेश कुमार और गंगमूल डेयरी के प्रबंध निदेशक उग्रसेन सहारण ने विशेष रूप से भाग लिया।
डॉ. सुदेश कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह नीति विद्यार्थियों के समग्र विकास, कौशल वृद्धि और सजीव ज्ञान पर बल देती है। उन्होंने कहा कि इस नई व्यवस्था के माध्यम से छात्र अपनी दक्षताओं का न केवल विकास कर पाएंगे, बल्कि रोज़गार के अवसरों के लिए भी अधिक सक्षम बन सकेंगे।
बैठक में पूर्ववर्ती पाठ्यक्रम की समीक्षा की गई और उसमें आवश्यक संशोधन करने पर सहमति बनी। इसमें विशेष रूप से चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, सेमेस्टर प्रणाली, सतत मूल्यांकन और ग्रेडिंग सिस्टम पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। नए अकादमिक सत्र 2025-26 से स्नातक स्तर पर रसायन शास्त्र के प्रत्येक सेमेस्टर में चार क्रेडिट का लिखित प्रश्न पत्र और दो क्रेडिट का प्रायोगिक कार्य शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही छात्रों के व्यावसायिक, सांस्कृतिक एवं व्यवहारिक ज्ञान को समृद्ध करने हेतु वोकेशनल कोर्स, इंडियन नॉलेज सिस्टम, स्किल एन्हांसमेंट कोर्स और एबिलिटी एन्हांसमेंट कोर्स भी लागू किए जाएंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अब दो सेमेस्टर पूर्ण करने पर सर्टिफिकेट, चार सेमेस्टर पर डिप्लोमा, छह सेमेस्टर पर डिग्री और आठ सेमेस्टर पूर्ण करने पर रिसर्च डिग्री प्रदान की जाएगी। यह व्यवस्था विद्यार्थियों को लचीलापन देती है और सीखने की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करती है। बैठक में विज्ञान संकाय के अन्य सदस्यगण, डॉ. मनवीर कौर, डॉ. मीनल चौहान, डॉ. मोहित कुमार, डॉ. स्वाति ओझा, डॉ. पुष्पेन्द्र कुमार और श्री वीरेंद्र सिंह भी उपस्थित रहे। डॉ. श्यामवीर सिंह ने सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया और आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता में उत्तरोत्तर सुधार और नवाचारों के लिए सतत प्रयासरत रहेगा।
