


ग्राम सेतु ब्यूरो.
घग्घर बहाव क्षेत्र में संभावित आपदा से निपटने के लिए जो तत्परता प्रशासन ने दिखाई थी, अब उतनी ही सुस्ती नजर आ रही है। आलम यह है कि आपदा से निपटने के लिए जिन सरपंचों ने प्रशासन के कहने पर खर्च किया वे अब भुगतान के लिए बार-बार चक्कर काट रहे हैं लेकिन प्रशासन एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल रहा है। कलक्टर रुक्मणि रियार भी जैसे हिम्मत हार चुकी हैं।
विधायक गणेशराज बंसल व सभापति सुमित रणवां के नेतृत्व में सरपंचों का दल कलक्टर से मिला और उन्हें ज्ञापन देकर भुगतान करवाने का आग्रह किया। सरपंच नवनीत कौर संधू ‘ग्राम सेतु’ से कहती हैं, ‘उस वक्त बाढ़ का खतरा मंडरा रहा था। प्रशासन भी सजग था। प्रशासन के कहने पर हमने टेक्टर, जेसीबी, पोकलेन आदि संसाधन लगाकर खतरा टालने के लिए हरसंभव प्रयास किए। दिन-रात एक करने का परिणाम सुखद रहा। आपदा टल गई। उस वक्त प्रशासन ने कहा था कि पंचायतों की ओर से किए गए खर्चे का भुगतान करवाया जाएगा लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ।’
सरपंच रोहित स्वामी कहते हैं, ‘हमलोगों ने बिल भिजवाया लेकिन फाइल धूल फांक रहे हैं। शासन सचिवालय तक बात पहुंचाई लेकिन नतीजा शून्य है। कलक्टर से मिलकर फिर उनसे आग्रह किया है, शायद कुछ बेहतर परिणाम आए।’ प्रतिनिधिमंडल में गुरलाल सिंह, सोनू चोपड़ा, हरदीप सिंह आदि शामिल थे।
विधायक गणेशराज बंसल ने कहाकि सरपंचों की व्यथा जायज है। उन्हें भी भुगतान करना है। ऐसे में विभाग को तत्काल भुगतान करना चाहिए। उन्होंने कहाकि वे शीघ्र ही संबंधित विभाग के आला अधिकारी से मिलेंगे और भुगतान के लिए आग्रह करेंगे।