गोपाल झा. इंकलाब-जिंदाबाद। महज दो शब्दों की जुगलबंदी का जादू। इसे सुनते ही माहौल में जोश भर जाता है। लोगों की भुजाएं फड़कने लगती हैं। […]
गोपाल झा. इंकलाब-जिंदाबाद। महज दो शब्दों की जुगलबंदी का जादू। इसे सुनते ही माहौल में जोश भर जाता है। लोगों की भुजाएं फड़कने लगती हैं। […]