नोहर क्षेत्र में किसानों के आएंगे ‘अच्छे दिन’, जानिए….कैसे ?

ग्राम सेतु डॉट कॉम.
हनुमानगढ़ जिले की नोहर सिंचाई योजना में राजस्थान को निर्धारित पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नोहर फीडर की क्षमता 226 क्यूसेक से बढ़ाकर 332 क्यूसेक की जायेगी। इसके साथ ही पंजाब क्षेत्र में फिरोजपुर फीडर की मरम्मत भी की जायेगी। इसके लिए केंद्रीय जल आयोग एवं राजस्थान तथा पंजाब सरकार के संयुक्त प्रयास प्रगति पर हैं।
नोहर क्षेत्र की सिंचाई समस्या के समाधान के लिए केंद्रीय जल आयोग ने 13 फरवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की थी। बैठक में आयोग द्वारा चाही गयी सूचनाएं मुख्य अभियंता, हनुमानगढ़ द्वारा भिजवायी जा चुकी है। इससे पहले 26 जुलाई 2022 को 4 सदस्यीय तकनीकी कमेटी का गठन किया गया। कमेटी को 15 दिवस में रिपोर्ट देने हेतु निर्देशित किया गया था। तकनीकी कमेटी द्वारा फील्ड विजिट कर नोहर सिंचाई परियोजना को निर्धारित शेयर से कम पानी उपलब्धता के मद्देनजर राजस्थान की ओर से नोहर फीडर की क्षमता 226 क्यूसेक से बढ़ाकर 332 क्यूसेक किये जाने एवं नेहराना हेड से सीपी-4 तक नोहर फीडर की रिमोडलिंग करने की अनुशंषा की गयी थी।
इस संदर्भ में 7 अगस्त 2023 को केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री द्वारा दोनों राज्यों की बैठक ली गयी थी। राजस्थान को निर्धारित शेयर के अनुसार पानी की उपलब्धता सुनिश्चत करने हेतु बरुवाली वितरिका व फतेहाबाद ब्रांच के जीर्णाेद्वार कार्य करवाने तथा हरियाणा व राजस्थान राज्य द्वारा नोहर फीडर की क्षमता 332 क्यूसेक तक बढ़ाने के लिए पीएफआर/डीपीआर सीडब्ल्यूसी को प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 139.51 करोड़ रूपये की पीएफआर तैयार हरियाण सरकार को भिजवायी गयी। नोहर फीडर से राजस्थान को निर्धारित शेयर के अनुसार पानी की उपलब्धता सुनिश्वत करने हेतु नोहर फीडर की क्षमता 332 क्यूसेक तक बढ़ाने के लिए 31जनवरी 2024 को अध्यक्ष, केन्द्रीय जल आयोग, नई दिल्ली की अध्यक्षता में राजस्थान, हरियाणा और बीबीएमबी के साथ बैठक आयोजित कर अब तक की गई कार्यवाही की समीक्षा की गई।
इसी प्रकार फिरोजपुर फीडर के पुननिर्माण के लिए 13 फरवरी को केंद्रीय जल आयोग द्वारा पीएफआर (प्री-फिजीबिलिटी रिपोर्ट) स्वीकृत कर पंजाब सरकार को शीघ्र डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिये गये थे। इस संबंध में राजस्थान सिंचाई अधिकारी, पंजाब सिंचाई अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर शीघ्र ही डीपीआर तैयार करवाकर अनुमोदन हेतु केन्द्रीय जल आयोग को प्रस्तुत करेंगे।
उल्लेखनीय है कि 51.30 किमी. लंबी एवं लगभग 11192 क्यूसेक क्षमता की फिरोजपुर फीडर में ज्यादा बारिश होने पर फीडर का अतिरिक्त पानी पाकिस्तान की ओर प्रवाहित करना पड़ता है। यदि यह अतिरिक्त पानी बीकानेर कैनाल के माध्यम से गंगनहर प्रणाली को मिले तो इससे गंगनहर क्षेत्र के काश्तकार लाभान्वित होंगे। इसके लिए राज्य के कृषकों द्वारा फिरोजपुर फीडर के पुर्ननिर्माण की मांग उठायी जाती रही है।

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