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राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने डॉक्टरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए तंज कसा है। जयपुर में राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ एंड साइंसेज के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि चिकित्सा मंत्री बोले-‘डॉक्टर को धरती का भगवान माना जाता है। लेकिन अमूमन देखने में आता है कि डॉक्टर माल प्रैक्टिस करने में लगे हैं। डॉक्टरों को जीवन में नैतिकता बनाए रखने की जरूरत है। तभी वह धरती का भगवान वाला स्थान हासिल कर सकता है।’ मंत्री ने कहाकि अधिकांश डॉक्टर मरीज को ज्यादा से ज्यादा दिन तक रोक कर रखने में लगे रहते हैं। ज्यादा से ज्यादा जांच करवाते हैं, दवाइयां लिखते हैं ताकि अधिकाधिक बिल बन सके। माल प्रैक्टिस की आदत अच्छी नहीं कही जा सकती।
खास बात है कि कार्यक्रम स्थल को लेकर राज्यपाल भी खफा नजर आए। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहाकि जब यूनिवर्सिटी के पास कैम्पस है तो दीक्षांत समारोह के लिए विरला ऑडिटोरियम का चयन क्यों किया गया है। उन्होंने इसके लिए वाइस चांसलर डॉ. सुधीर भंडारी को उलाहना भी दिया।