नशे के खिलाफ एसपी को ज्ञापन देने गांव से नंगे पैर पहुंचे ग्रामीण, एसपी हरिशंकर ने दिया ये भरोसा

ग्राम सेतु डॉट कॉम.
जहां सरकारें ‘ड्रग फ्री इंडिया’ की बातें कर रही हैं, वहीं जमीनी हकीकत यह है कि गांव-गांव में चिट्टे (सिंथेटिक ड्रग्स), एमडी और अन्य मादक पदार्थों का कारोबार युवाओं को खोखला कर रहा है। हनुमानगढ़ जिले के संगरिया मार्ग स्थित गांव नगराना के ग्रामीणों ने इस दर्द को न सिर्फ महसूस किया, बल्कि उसके खिलाफ आवाज भी बुलंद की। सोमवार यानी 21 जुलाई को चिट्टे के खिलाफ जन जागरूकता और जन आक्रोश रैली निकाली गई, जो पैदल और नंगे पांव तय की गई। यह एक प्रतीक था पीड़ा, प्रतिरोध और परिवर्तन का। सुनील तिवाड़ी के नेतृत्व में गांव नगराना से शुरू हुई यह रैली, धीरे-धीरे संगरिया रोड पर पड़ने वाले गांवों को जोड़ती चली गई और अंततः जिला कलेक्ट्रेट पहुंची। रास्ते में रैली का स्वागत पुष्पहारों से किया गया, पर रैली में शामिल युवाओं के पैरों में पड़े छालों ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह आंदोलन केवल प्रतीक नहीं, एक पीड़ा का विस्फोट है। नगर परिषद के पूर्व उपसभापति अनिल खीचड़ ने गांव सतीपुरा में रैली का स्वागत कर इसे जन चेतना की मिसाल बताया।

रैली में ग्रामीणों ने खुलकर कहा कि गांव नगराना और आसपास के इलाकों में चिट्टा, एमडी, स्मैक और अन्य मादक पदार्थ खुलेआम बिक रहे हैं। ये कोई छुपा हुआ कारोबार नहीं, बल्कि एक ऐसा भयावह सच है जो हर घर की चिंता बन चुका है। गांव के बच्चे और युवा नशे के गिरफ्त में आकर न केवल अपने स्वास्थ्य को नष्ट कर रहे हैं, बल्कि अपराध की ओर भी बढ़ रहे हैं। चोरी, लूट, लड़ाई और मारपीट, ये सब अब खबरें नहीं, गांव की दिनचर्या बनती जा रही हैं। ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक हरीशंकर को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि अब यह सब और नहीं सहा जाएगा। ग्रामीणों ने दो टूक कहा कि नशा तस्करों में पुलिस का कोई भय नहीं बचा है। एक ओर तस्कर बेलगाम हैं, दूसरी ओर पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता से ग्रामीणों का भरोसा टूटता जा रहा है। उन्होंने साफ चेताया कि यदि समय रहते नशे के अड्डों पर छापेमारी नहीं हुई, पुलिस गश्त नहीं बढ़ाई गई और कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो ग्रामीणों और युवाओं को सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा। जन आक्रोश रैली में शामिल रहे रमेश भादू, सुधीर बलिहारा, वेदपाल, दलीप, रोहिता जावा, मनोज कुमार, जयचन्द, सुभाष, सूरजभान सहित अनेक ग्रामीण अब इस बात के प्रतीक बन चुके हैं कि नशे के खिलाफ लड़ाई अब सिर्फ सरकार या प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं रह गई, यह हर गांववासी, हर अभिभावक और हर जागरूक नागरिक की प्राथमिकता है।
एसपी हरिशंकर ने भरोसा दिलाया कि पुलिस अपने स्तर पर कोई कमी नहीं छोड़ेगी। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वे अवांछित गतिविधियों की सूचना पुलिस से शेयर करें, प्रभावी कार्रवाई होगी, इसको लेकर आश्वस्त रहें।

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