वेदव्यासइन दिनों में देश का भूत, भविष्य और वर्तमान, गहरे सामाजिक-आर्थिक संकट में फंसा हुआ है।…
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लोकतंत्र में बज रही राग दरबारी की धुन!
वेदव्यास.हमारा लोकतंत्र पिछले कई वर्षों से बहुत हैरान और परेशान है। कहने के लिए तो कहते…
कृषि भूमि पर कॉरपोरेट की नजर!
आर्किटेक्ट ओम बिश्नोई.बात दो दशक पुरानी है। जिले के एक बड़े अफसर ने बुलाया और कहा…
चंडीगढ़ मेयर चुनाव: किसी का तो जमीर जिंदा है!
मुद्दा गरम है : एमएल शर्मा.पहले तल्ख टिप्पणी। जांच। तीखे तेवर। सुनवाई और फिर ऐसा आदेश…
सड़क पर सत्याग्रह करते रहेंगे किसान, आखिर कब तक ?
वेद व्यास.हमें इस बात को सबसे पहले समझना होगा कि अब दुनिया चारों तरफ से बदल…
कब आएगा ग्राम स्वराज बजट ?
ग्रामीण विकास की सिर्फ बातें होती हैं। नियोजित विकास को लेकर जनप्रतिनिधि गंभीरता नहीं दिखाते। जिस…
किसानों को भी ‘गारंटी’ दीजिए न मोदीजी!
शंकर सोनी.देश फिर आंदोलन की जद में है। नागरिकता संशोधन कानून और पिछले किसान आंदोलन के…
पत्रकारों को वोटर भी नहीं मानती है सरकार!
उपेन्द्र सिंह राठौड़.राजस्थान में सरकार नई है पर ढर्रा वही पुराना। जी हां। पत्रकारों के प्रति…
अध्यात्म और अर्थशास्त्र के रास्ते कौन चलेगा मेरे साथ ?
वेदव्यास20वीं शताब्दी के अनुभव संसार को लेकर इक्कीसवीं शताब्दी में प्रवेश कर चुका मनुष्य हमसे आज…
बीजेपी को आस, राम ही करेंगे बेड़ा पार!
गोपाल झा.संगठन का ढांचा तैयार करना, उसे मजबूती देना और फिर उसे सक्रिय रखना भाजपा से…