सपनों की ऊँचाई ही तय करती है जीवन की दिशा
राजेन्द्र सारस्वत.मैं अक्सर यह सोचता हूं कि अगर इस दुनिया में लोगों के भीतर आगे बढ़ने की ललक न होती,…
राजेन्द्र सारस्वत.मैं अक्सर यह सोचता हूं कि अगर इस दुनिया में लोगों के भीतर आगे बढ़ने की ललक न होती,…
ओम पारीक.आज अचानक कुछ पुरानी बातें याद आ गईं। वो घर के औज़ार, जिनके प्रयोग में सिर्फ कामकाज नहीं, हमारी…
ओम पारीक.कभी गांव का नाम सुनते ही मन में एक चित्र उभर आता था। कच्ची गलियां, कांटों से भरे बाड़े,…
डॉ. एमपी शर्मा.मेरा बचपन राजस्थान के एक छोटे-से गाँव सिकरोड़ी (तहसील भादरा, तत्कालीन जिला श्रीगंगानगर, अब हनुमानगढ़) में बीता। वहाँ…
निराला झा.जब अप्रैल की तपती दोपहरों में प्रकृति पसीने से भीगती है, तभी बिहार और मिथिला की धरती पर एक…
उच्च पद, अच्छा वेतन, और समाज में मान-सम्मान मिलने के बावजूद व्यक्ति भीतर से खालीपन महसूस करता है। यह खालीपन…
अकेलापन एक अदृश्य मगर घातक पीड़ा है, जो धीरे-धीरे व्यक्ति को अंदर से तोड़ देती है। आधुनिक जीवनशैली, रिश्तों में…
आर्किटेक्ट ओम बिश्नोई.अक्टूबर का महीना अपने यौवन की तरफ बढ रहा था। वो अपनी ढाणीं में बैठा धूप सेक रहा…
एमएल शर्मा.21वीं सदी। विज्ञान एवं तकनीक के बूते मंगल ग्रह पर भी हमारी छाप। परन्तु, इस मशीनी युग में तर्कविहीन…