एडवोकेट एमएल शर्मा.
चारों तरफ आज की भीषण लपटें…, बेबसी…., चीख पुकार और बेकाबू होते हालात। इतना ही नहीं आग भी अति ज्वलनशील पेट्रोल व डीजल के भरे ड्रमों में लगी थी। ऐसे खौफनाक मंजर में जब तमाशबीन जमा थे तब बगैर एक क्षण गंवाए अदम्य साहस, शक्ति एवं सूझबूझ का परिचय दिया नोहर थाना के दो पुलिसकर्मियों ने। दरअसल, नोहर कस्बे के वार्ड 14 निवासी सतवीर जाट के घर पर रखे पेट्रोल व डीजल के ड्रमों में एकाएक आग लग गई। चंद पलों में ही आग विकराल होने लगी। आगजनी की सूचना मिलते ही नोहर पुलिस थाना में कार्यरत हेड कांस्टेबल रविंद्र मीणा व कुलदीप मौके पर पहुंचे। घटनास्थल पर पहुंचते ही दोनों ने बिना देरी किए घर में प्रवेश किया तथा सबसे पहले वहां रखे गैस सिलेंडरों को बाहर निकाला। बचाव कार्य की अगली कड़ी में अपनी जान की परवाह किए बगैर दोनों दोबारा घर में गए तथा आग से घिरी सतवीर की माता व पुत्री को कड़ी मशक्कत कर आग से बचाते हुए बाहर निकाला। आग बुझाने में नोहर, रावतसर व भादरा की फायर ब्रिगेड गाड़ियां व पानी आपूर्ति करने वाले टैंकर चालकों ने गजब का सहयोग दिया। सबके साथ मिलकर आखिरकार आग पर काबू पाया जा सका। मामले का दुखद पहलू यह रहा कि मकान मालिक की पत्नी भीतर के कमरे में होने के कारण उसे बचाया नहीं जा सका। हालांकि, दो महिलाओं को सुरक्षित बाहर निकलने में दोनों पुलिस कर्मियों को सफलता मिली। हादसे के बाद विभिन्न संगठनों ने दोनों पुलिस कर्मियों के पराक्रम की मुक्त कंठ से सराहना की है। बकौल रविंद्र मीणा, ‘उस समय हड़बड़ी छोड़कर बिना घबराए यही महसूस किया कि अपनी आंखों के सामने किसी को मरता नहीं देख सकते हैं। बिना देरी के दोनों दादी-पोती को बाहर निकाला। एक महिला को नहीं बचा पाने का मलाल ताउम्र रहेगा। पर गनीमत रही कि दो जान बचा सके। अगर सिलेंडर तुरंत बाहर नहीं निकलते तो निश्चित ही कोई बड़ा हादसा हो सकता था।’ बहरहाल, पुलिस ने मामले की जांच में आरम्भ कर दी है। उधर नोहर की अवाम इन वीरों के खैर मक्कदम में जुट गई है।