ग्राम सेतु डेस्क.
Guru Govindsingh jayanti. भारत को महापुरुषों व अवतारी देवताओं की भूमि माना जाता है। समय-समय पर संतों ने भारत की पावन धरती पर जन्म लेकर जन मानस को संदेश दिए। मानवता को सर्वोपरि बताया। पुरुषार्थ का पाठ पढ़ाया। आज सिख धर्म के दसवें और अंतिम गुरु श्री गोविंद सिंह जी की जयंती है। देश और दुनिया में इस पावन दिवस को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। गुरु गोविंद सिंह जी ही खालसा पंथ के प्रवर्तक हैं। शास्त्र और शस्त्र के ज्ञाता हैं। शौर्य और साहस के पर्याय हैं। गुरु गोविंद सिंह जी ने ही गुरु ग्रंथ साहिब को पूर्णता प्रदान की। उन्होंने संसार को इंसानियत के गुणों को धारण करने की शिक्षा दी। आइए, गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती पर उनके कुछ विचारों को आत्मसात करें ताकि श्रेष्ठ इंसान बन सकें।
-अपनी आय का दसवां भाग दान करो।
जरूरतमंदों की सहायता श्रेष्ठ कार्य है।
-निर्बल पर अत्याचार करोगे तो ईश्वर तुम्हें माफ नहीं करेगा।
-सत्कर्म करोगे तभी ईश्वर का आशीष प्राप्त होगा।
-ईश्वर की सच्ची भक्ति है इंसान से सच्चा प्रेम।
-सच्चाई के मार्ग पर चलने वाले लोग मुझे बेहद पसंद हैं।
-ईश्वर ने हमें धरती पर इसलिए भेजा है ताकि हम अच्छे काम कर सकें।
-वास्तविक शांति हासिल करने के लिए अपने मन से अहंकार मिटाना होगा।
-भविष्य के लिए ज्यादो सोचने का मतलब है आप अपना वर्तमान भी खत्म कर रहे हैं।
-गुरु बिना किसी को भगवान की प्राप्ति नहीं हो सकती।