



ग्राम सेतु डेस्क.
हनुमानगढ़ टाउन गुड़ मंडी के निकट स्थित श्री बालाजी धाम इस बार श्रद्धा, आस्था और भक्ति के महासागर में डूबा रहा, जब धाम ने अपने 25वें स्थापना दिवस के रूप में रजत जयंती महोत्सव को अत्यंत भव्य, दिव्य और भक्तिमय वातावरण में मनाया। यह आयोजन केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने, आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने और सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने का एक प्रेरक उदाहरण बन गया। प्रातः बेला में श्री बालाजी महाराज की विधिवत पूजा-अर्चना और अखण्ड रामायण पाठ के साथ आयोजन का शुभारंभ हुआ। श्रद्धालु श्रवण लुहिया ने अपने पूरे परिवार के साथ भगवान को नमन करते हुए पाठ की शुरुआत की। इसके बाद जैसे ही पंडित दीप शर्मा के सान्निध्य में पांच विद्वान ब्राह्मणों ने रामायण पाठ आरंभ किया, वैसे ही संपूर्ण मंदिर परिसर राम नाम की गूंज से मंत्रमुग्ध हो उठा। 24 घंटे निरंतर चलने वाले इस पाठ के दौरान वातावरण में रामधुन, भक्ति गीतों और बालाजी महाराज के जयकारों की ऐसी गूंज रही कि हर कोई श्रद्धा में लीन हो गया। मंदिर परिसर में उपस्थित श्रद्धालु घंटों तक बैठे रहे, मानो समय थम गया हो और आत्मा को प्रभु से एकाकार होने का साक्षात अवसर मिल गया हो।

हवन यज्ञ, सवामणियों का भोग और भंडारा
जैसे ही अखण्ड रामायण की पूर्णाहुति हुई, वैसे ही विशेष हवन यज्ञ की शुरुआत हुई। इस शुभ अवसर पर मुख्य यजमान सुनील कुमार गोयल (बिट्टू) ने अपने परिवार सहित आहुति देकर क्षेत्र की सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली की कामना की। यह हवन पंडित दीपचंद गौतम के मार्गदर्शन में पूर्ण विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ। इसके बाद भगवान बालाजी महाराज को सवामणियों का भोग अर्पित किया गया और फिर हुई एक भव्य, दिव्य और आलोकिक आरती, जिसमें उपस्थित श्रद्धालुओं ने बालाजी महाराज की जयकारों से वातावरण को भक्तिरस में सराबोर कर दिया। आरती के उपरांत हुआ विशाल भंडारा, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर धर्मलाभ लिया। भंडारे का वातावरण केवल भोजन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वह सामाजिक समरसता और आत्मीय सौहार्द का ऐसा दृश्य बन गया, जहां जाति, वर्ग, भाषा और वेशभूषा की सीमाएं मिटकर केवल श्रद्धा शेष रह गई।
सेवा समिति की निष्ठा, आयोजन की आत्मा
इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में श्री बालाजी धाम सेवा समिति की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। समिति अध्यक्ष भगवान सिंह खुड़ी के नेतृत्व में अजीत सिंह, सत्यनारायण शर्मा, ओमप्रकाश शर्मा, दलपत सिंह, अनिल शर्मा, हनुमान सिंह खुड़ी, मणिशंकर संतराम, जिंदल राज गुड़ मंडी, ओम सोनी, जयराम, अशोक बंसल, लक्ष्य सिंह, सन्नी पारवानी, रिंकू, राहुल, दुष्यंत सिंह, विकास गौतम, चरणजीत सिंह, सुनील शर्मा सहित समस्त सदस्यों ने तन-मन-धन से समर्पण भाव दिखाया। श्रद्धालुओं की सुविधा, भोजन व्यवस्था, पानी, पंडाल, स्वच्छता और सुरक्षा जैसी व्यवस्थाएं इस कुशल संगठन और समर्पण का प्रमाण थीं। स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं ने हर्ष और गौरव व्यक्त किया। समिति की ओर से यह संकल्प लिया गया कि भविष्य में भी इसी प्रकार धार्मिक आयोजनों के माध्यम से समाज सेवा और सांस्कृतिक मूल्यों के संवर्धन का कार्य अनवरत जारी रहेगा।
श्री बालाजी धाम का यह रजत जयंती उत्सव न केवल श्रद्धा और भक्ति का पर्व था, बल्कि यह सामाजिक एकता, सांस्कृतिक जागरूकता और मानव मूल्यों के पुनर्स्थापन का प्रेरणादायी उदाहरण बनकर सबके मन में एक अमिट छाप छोड़ गया। कार्यक्रम के अंत में समिति की ओर से सभी श्रद्धालुओं, यजमानों, सहयोगियों और कार्यकर्ताओं का हृदय से आभार प्रकट किया गया। यह आयोजन निश्चित ही आने वाले वर्षों के लिए एक मानक और प्रेरणा बन गया है, जो बताता है कि जब श्रद्धा और संगठन एक साथ आते हैं, तो समाज में चमत्कारिक परिवर्तन संभव होता है।

