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चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की ओर से राज्य के डॉक्टरों पर दिए गए बयान आईएमए ने एतराज जताया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने प्रदेशाध्यक्ष डॉ. एमपी शर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। आईएमए के जिलाध्यक्ष डॉ प्रताप सिंह शेखावत ने बताया कि अखबारों में मुख्य समाचार के रूप में राजस्थान के चिकित्सा मंत्री का बयान छपा है जिसमें उन्होंने चिकित्सकों पर चिकित्सकों के ही कार्यक्रम में बिना मतलब की जांच और ज्यादा दवाइयां लिखने एवं ज्यादा बिल बढाने का बेबुनियाद आरोप लगाया है इसकी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, राजस्थान कड़े शब्दों में निंदा करती हैं। आईएमए के प्रदेशाध्यक्ष डॉ एम पी शर्मा ने कहाकि कि पूर्व में भी अपरिपक्व चिकित्सा मंत्रियों ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की होड़ में इस तरीके की बयानबाजी की है और अपना पद और सम्मान खोया है। चिकित्सा मंत्री का यह बयान न तो उनकी या उनकी सरकार की प्रतिष्ठा के लिए अच्छा है और ना ही चिकित्सकों की प्रतिष्ठा के लिए। राज्य के सभी चिकित्सक इतनी मेहनत के साथ अपना काम कर रहे हैं उसके बावजूद भी इस तरीके की अनर्गल बयानबाजी चिकित्सक समुदाय के लिए बर्दाश्त के बाहर है। चिकित्सा मंत्री के उक्त बयान से चिकित्सक समुदाय आहत और आक्रोशित हैं और चिकित्सा मंत्री के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते है। यदि तुरंत ही चिकित्सा मंत्री के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई तो चिकित्सकों को मजबूरी में आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
आईएमए के सचिव डॉ ऐश्वर्या गुप्ता ने कहा कि चिकित्सा मंत्री के उक्त वक्तव्य से चिकित्सक एवं मरीज के रिश्तों में विश्वास खत्म होगा। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि चिकित्सा मंत्री चिकित्सकों व मरीजो के बीच स्थापित विश्वास को तोड़ने के लिए अर्नगल बयानबाजी करने के बजाय चिकित्सकांे के सबसे बड़े संगठन आईएमए के साथ मिलकर चिकित्सकों की वर्षों से लंबित पड़ी समस्याओं पर चर्चा करके उनमें सुधार करने के लिए नियमित बैठकें करें। इस दौरान आईएमए के डॉ मनोज शर्मा, डॉ विजय सोनी आदि मौजूद थे।