हनुमानगढ़ में तेज हो सकता है किसान आंदोलन!

ग्राम सेतु ब्यूरो.
शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले 22 दिनों से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के नेतृत्व में किसानों की मांगों के समर्थन में जारी आमरण अनशन को लेकर देशभर के किसानों में आक्रोश की लहर है। इसी कड़ी में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा हनुमानगढ़ में सांकेतिक अनशन कर विरोध प्रदर्शन किया गया। यह अनशन केंद्र सरकार की नीतियों और किसानों की अनदेखी के खिलाफ चेतावनी के रूप में आयोजित किया गया। धरने में विधायक गणेशराज बंसल ने शिरकत करते हुए किसानों के मुद्दों को अपना समर्थन दिया। संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता रेशम सिंह मानुका ने कहा कि किसान नेता जगजीत डल्लेवाल पिछले 22 दिनों से अपने जीवन की परवाह किए बिना किसानों के हितों के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं। इसके बावजूद सरकार की ओर से कोई सार्थक पहल नहीं की गई है, जिससे किसानों में नाराजगी और असंतोष गहराता जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगे पूरी करना सरकार की जिम्मेदारी है, और अगर सरकार जल्द समाधान नहीं करती तो आंदोलन और तेज होगा।
किसान नेता राय साहब चाहर मल्लड़खेड़ा ने कहा कि किसान अपनी जायज मांगों को लेकर हर हाल में लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने किसान नेता जगजीत डल्लेवाल से तुरंत वार्ता कर उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया, तो किसान मजबूर होकर देशव्यापी आंदोलन करेंगे। देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले किसानों की अनदेखी करना सरकार के लिए घातक सिद्ध होगा। आज देश का किसान कर्ज में डूबा हुआ है और सरकार की गलत नीतियों के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हो रहा है। किसानों ने एक सुर में सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग की। विरोध प्रदर्शन के दौरान सभी नेताओं ने सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द किसानों की मांगों पर विचार करते हुए समाधान निकाला जाए। उन्होंने कहा कि किसान अपने हक के लिए लड़ने को तैयार हैं और यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती। संयुक्त किसान मोर्चा ने यह भी कहा कि यह आंदोलन अहिंसात्मक है और इसका उद्देश्य किसानों के अधिकारों की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्ण तरीकों से अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं, लेकिन अगर उनकी अनदेखी जारी रही तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इस मौके पर गुरपरविंदर सिंह मान, रामेश्वर चांवरिया, ज़ाकिर हुसैन, लखविंदर सिंह, रविंदर सिंह, रामप्रताप भाम्भू, संदीप कंग, निरंजन रिवार, बलविंदर सिंह मान, जगमीत जंडावाली, बलराज सिंह, मंगत सिंह, काका सिंह रोडिकपुरा, मेवा सिंह, राधेश्याम, गुरपयार सिंह, वीरू सिंह चंद्रा, गुरप्रीत सिंह, सरपंच राजदीप बराड, गोरा सिंह ढिल्लो? हरजिन्दर सिंह सरा, जगतार सिंह सहित अन्य किसान मौजूद थे।

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