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कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि कृषि से जुडे ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस‘ किसानों की आय बढाने के लिए आगे बढकर काम करें। कृषि मंत्री ने अधिकारियों से इन केन्द्रांे को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर देते हुए कहा कि इन्हें नाम के अनुरूप वास्तव में उत्कृष्टता केन्द्र बनाये। इन केन्द्रों की क्षमताए काफी है। पूर्ण इच्छा शक्ति के साथ दीर्घ कालीन योजना बनाकर काम करने की आवश्यकता है।
कृषि मंत्री, प्रमुख शासन सचिव और विभागीय अधिकारियों की ओर से चार फरवरी को ढ़िन्ढोल (बस्सी) में लंच कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कृषि मंत्री ने लंच के दौरान अधिकारियों से विभागीय कार्याे में आ रही समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा की और आ रही समस्याओं का निस्तारण भी किया। उन्होंने कहा कि मंत्री और अधिकारियों के बीच मजबूत रिश्ता बनाने का यह सुनहरा अवसर है। इससे मंत्रियों और अधिकारियों के बीच पनपने वाले विवाद खत्म होंगे और विभागीय कार्य तालमेल से त्वरित गति से पूर्ण होंगें। जिससे आम जनता को अपना काम करवाने में परेशानियों का सामना नही करना पड़ेगा। मंत्री और अधिकारियों के तालमेल से विभागीय योजनाऐं आखिरी पंक्ति में बैठे व्यक्ति तक शीघ्र एवं ईमानदारी से पहुंचेगी।
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाएं-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृषि विस्तार व तकनीकी मिशन, राष्ट्रीय टिकाऊ खेती मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय परम्परागत कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय बागवानी मिशन और पीएम-कुसुम योजना कम्पोनेन्ट ‘बी‘ के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की।
डॉ. मीणा ने कहा कि बागवानी में उन्नत पैदावार का प्रशिक्षण देने व आधुनिक खेती के तौर-तरीके सिखाने के लिए उत्कृष्टता केन्द्र अहम भुमिका निभा सकते है। किसानों की आय दुगनी करने के लिए सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस बहुत फायदेमंद साबित हो सकते है। उन्होंने बताया कि अनार फल के बगीचो की स्थापना, उन्नत किस्म, सिंचाई जल व पोषण प्रबंध, सघन बागवानी एवं ग्रेडिंग, पैकिंग से जुडी नवीनतम जानकारियां कृषकों तक पहुंचाने एवं कृषि तकनीकी के हस्तांतरण के लिए ही ढ़िन्ढोल (बस्सी) में अनार उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की गई है। कृषक यहां से अनार की खेती के विभिन्न तकनीकी पहलुओं जैसे बढवार, उपचार, जल प्रबंधन, फर्टिगेशन व कीट-व्याधि की जानकारी प्राप्त करते है। केन्द्र पर अनार के भगवा, भगवा सुपर, भगवा मृदुला एवं वंडरफुल किस्मों के वृक्षों का रोपण किया गया है। केन्द्र पर अनार के उच्च गुणवता युक्त पौधे उत्पादन व कृषि प्रशिक्षण आयोजन कार्य किए जाते है साथ ही पौधे के उत्पादन का कार्य कर कृषकों को अनार के उच्च गुणवत्ता युक्त पौधो का वितरण किया जाता है।
‘सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस’
वर्तमान कृषि परिदृश्य में किसानों की आय में वृद्धि और आधुनिक कृषि तकनीकी व नवाचार फसल प्रदर्शन हेतु सेंटर आफ एक्सीलेंस बस्सी में कृषि विभाग द्वारा शुरू किया गया। यहां विभिन्न संरक्षित खेती संरक्षण तकनीकी संरचनाएं, उच्च तकनीकी युक्त पॉली हाउस, स्वचालित फर्टिगेशन यूनिट सहित पंप हाउस व वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर, कार्यालय भवन प्रशिक्षण भवन इत्यादि का निर्माण किया गया है राजस्थान और अन्य राज्यों से लगभग 8 हज़ार से 10 हज़ार किसान प्रतिवर्ष सेंटर का भ्रमण कर तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, इस तरह हाईटेक खेती अपनाकर किसान अपनी आय में आशातीत्व वृद्धि कर रहे हैं।
इस दौरान प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया, आयुक्त कृषि कन्हैयालाल स्वामी, आयुक्त बागवानी लक्ष्मण सिंह कुड़ी, संयुक्त सचिव कृषि कैलाश नारायण मीणा, प्रबंध निदेशक आरएसएससी जसवंत सिंह, जनरल मैनेजर मार्केटिंग बोर्ड आशु चौधरी, अतिरिक्त निदेशक मार्केटिंग विभाग जय सिंह आदि मौजूद थे।