
ग्राम सेतु ब्यूरो.
महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार की ‘लखपति दीदी योजना’ को प्रभावी बनाने की तैयारी चल रही है। इसके तहत आठ से 10 जनवरी तक उदयपुर में मंथन होगा।
सरकार का लक्ष्य गाँवों में दो करोड़ ‘लखपति दीदी’ बनाना है। यह योजना गरीबी उन्मूलन और आर्थिक सशक्तीकरण के व्यापक मिशन के अनुरूप है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘ग्रामीण विकास विभाग’ वित्तीय वर्ष 2024-25 की कृषि एवं गैर कृषि आधारित कार्य योजना तैयार करने के लिए राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) की मेजबानी में यह आयोजन करेगा। इसमें राष्ट्र के राज्य मिशन निदेशक, सीईओ एवं राज्य परियोजना प्रबंधकों सहित 200 से अधिक प्रतिभागी एक मंच पर समस्त राज्यों की महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के लिए आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से उनकी आजीविका संवर्धन के लिए गहन चिंतन एवं मंत्रणा कर वार्षिक कार्य योजना तैयार करेंगे। कार्य योजना के निर्माण में प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त 2023 को शुरू की गई ‘लखपति दीदी योजना’ के लक्ष्यों को भी समाहित किया जाएगा। जिसका उद्देश्य हर समूह से जुड़े परिवारों की वार्षिक आय कम से कम 1 लाख रूपये सुनिश्चित करना हैं। इस योजना के अंतर्गत समूचे राष्ट्र में स्वयं सहायता समूह से जुडी कम से कम 2 करोड़ महिलाओ को लखपति बनाया जाना हैं।

केंद्र सरकार द्वारा सम्पूर्ण देश में 2 करोड़ लखपति दीदी का लक्ष्य निर्धारित कर राजस्थान प्रदेश को 11.27 लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य आवंटित किया गया है। वर्तमान में राजीविका द्वारा संचालित विभिन्न आजीविका गतिविधियों जैसे कृषि एवं गैर कृषि, पशुपालन एवं दुग्ध व्यवसाय आदि के माध्यम से 2.80 लाख महिलाओं को लखपति दीदी की श्रेणी में लाया जा चुका है, शेष लक्ष्यों को समय पर पूर्ण करने की रणनीति पर विचार विमर्श किया जाएगा।
कार्यशाला में सभी राज्य अपने अपने क्षेत्र की क्षमताओं को ध्यान में रखकर महिलाओं के आर्थिक उन्नयन में स्वयं सहायता समूहों की भूमिका को सुनिश्चित करेंगे, साथ ही अपने अनुभवों एवं नवाचारों को सम्मिलित करते हुए इस कार्य योजना के निर्माण में समस्त राज्यों के मिशन निदेशकों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहेगा। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में उपरोक्त कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
कार्यशाला में राजीविका की महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के लिए विभिन्न मापदंडों पर कार्य योजना तैयार करके उनके सामाजिक आर्थिक एवं वित्तीय उत्थान को सुनिश्चित किया जाता है। ग्रामीण महिला सदस्य जिन्हें पशु धन, कृषि एवं नॉन फार्म के अंतर्गत भिन्न भिन्न गतिविधियों यथा खाद्य प्रसंस्करण, हैंडलूम, हेंडीक्राफ्ट, क्षेत्रगत आदानो के निर्माण के माध्यम से आजीविका संवर्धन कर उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के प्रयास किए जाते है।