

ग्राम सेतु डॉट कॉम.
पंचायती राज मंत्रालयिक कर्मचारी संगठन ने वर्ष 2013 में सीधी भर्ती से लगे कनिष्ठ सहायकों की बार-बार दस्तावेज जांच और लंबित मांगों को लेकर खंड स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने विकास अधिकारी हनुमानगढ़ राजीव यादव को ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन मुख्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री के नाम प्रेषित किया गया। इस आंदोलन को राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघ का भी समर्थन मिला है।
राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के जिला प्रवक्ता नीपेन शर्मा ने बताया कि वर्ष 2013 की कनिष्ठ सहायक भर्ती के दस्तावेजों की बार-बार जांच से कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। उन्होंने मांग की कि यह आदेश तत्काल वापस लिया जाए। इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष, कमलेश शर्मा और अन्य प्रतिनिधियों पर की गई दमनात्मक कार्रवाई को भी सरकार वापिस ले। नीपेन शर्मा ने बताया कि संगठन की ओर से पूरे राज्य में आंदोलन के दूसरे चरण के तहत यह ज्ञापन सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि कैडर रिव्यू, स्पष्ट कार्य विभाजन और वर्षों से लंबित मांगों को लेकर कर्मचारी चिंतित हैं। अगर सरकार ने सकारात्मक पहल नहीं की तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। निकट भविष्य में पंचायती राज और निकाय चुनाव हैं। ऐसे में कनिष्ठ सहायकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। वे गांवों में सरकार की योजनाओं को धरातल पर लागू कर रहे हैं और अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे पारदर्शी और संवेदनशील प्रशासन की भावना के अनुरूप आदेश निरस्त करवाएं ताकि कर्मचारियों में सरकार की ष्गुड गवर्नेंसष् की छवि बनी रहे।
राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष इंद्रजीत शर्मा ने बताया कि हाल ही में पंचायती राज विभाग ने 2013 की एलडीसी भर्ती की फिर से जांच करने का आदेश दिया है। वर्ष 2025 में ही सरकार के आदेश अनुसार सभी विभागों में पिछले पांच वर्षों की भर्तियों की दस्तावेज जांच हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यह आदेश 16,000 कर्मचारियों में आक्रोश का कारण बना है। सरकार को चाहिए कि वह तुरंत यह आदेश वापस ले और कर्मचारियों की वर्षों से लंबित मांगों को पूरा करे।
कनिष्ठ सहायक अजीत झोरड़ ने बताया कि यह केवल दस्तावेज जांच का विषय नहीं, बल्कि मंत्रालयिक संवर्ग को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने जैसा है। उन्होंने कहा कि पहले भी कई बार जांच हो चुकी है, फिर बार-बार जांच के नाम पर कर्मचारियों की कार्यक्षमता पर प्रश्नचिह्न क्यों लगाया जा रहा है। इस अवसर पर विरोध प्रदर्शन में कई कर्मचारी उपस्थित रहे। इनमें प्रमुख रूप से पूर्व अध्यक्ष, पंचायती राज मंत्रालयिक कर्मचारी संगठन, हनुमानगढ़ एवं जिला प्रवक्ता, राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघ, नीपेन शर्मा, जिलाध्यक्ष, राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघ, इंद्रजीत शर्मा, वरिष्ठ सहायक, ममता कुमारी, कनिष्ठ सहायक, अजीत झोरड़, कनिष्ठ सहायक, मधु शर्मा, कनिष्ठ सहायक, विनय कुमार, कनिष्ठ सहायक, सुरेंद्र कुमार, कनिष्ठ सहायक, दीपिका अरोड़ा
कनिष्ठ सहायक, विजयपाल सिंह सहित कई कर्मचारी शामिल रहे। सभी ने एक स्वर में सरकार से अपील की कि कर्मचारियों की मांगों पर गंभीरता से विचार कर शीघ्र समाधान किया जाए, अन्यथा राज्य भर में आंदोलन और तेज किया जाएगा।
