






ग्राम सेतु ब्यूरो.
राजस्थान विधानसभा सत्र के दौरान सोमवार को हनुमानगढ़ विधायक गणेशराज बंसल ने किसानों के हितों से जुड़ा बड़ा मुद्दा उठाया। स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा में हिस्सा लेते हुए उन्होंने धान की सरकारी खरीद शुरू करने की मांग जोरदार तरीके से सदन में रखी। विधायक बंसल ने कहा कि हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिले को ‘अन्न का कटोरा’ कहा जाता है, क्योंकि यह इलाका धान उत्पादन में रिकॉर्ड कायम करता आया है। पिछले वर्ष अकेले हनुमानगढ़ मंडियों से लगभग 15 लाख क्विंटल से अधिक धान की खरीद हुई थी। इस बार भी मंडियों में धान की फसल आने लगी है, लेकिन सरकार की ओर से अब तक खरीद प्रक्रिया को लेकर कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किए गए हैं।

विधायक ने कहाकि यदि जल्द खरीद की घोषणा नहीं हुई तो किसानों को मजबूरी में औने-पौने दामों पर अपना धान बेचना पड़ेगा। बंसल ने तीखे अंदाज में सवाल उठाते हुए कहा, ‘जब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद ही सुनिश्चित नहीं करनी है, तो फिर समर्थन मूल्य घोषित करने का औचित्य क्या है?’

विधायक ने कहा कि सरकार योजनाएं बनाती है ताकि आमजन को राहत मिले और उनकी आस्था लोकतांत्रिक व्यवस्था में बनी रहे। लेकिन जब पात्र किसानों तक योजनाओं का लाभ ही नहीं पहुंचता, तो जनता के मन में अविश्वास की भावना पनपती है, जो किसी भी लोकतांत्रिक और जनहितैषी सरकार के लिए बेहद खतरनाक संकेत है।

उन्होंने सरकार को नसीहत दी कि केवल कागजों पर योजनाएं बनाने से बात नहीं बनेगी, असली कसौटी तभी पूरी होगी जब किसान को उसकी मेहनत का उचित मूल्य मिले। बंसल ने सरकार से आग्रह किया कि वह तत्काल धान खरीद के आदेश जारी करे ताकि किसानों को राहत मिल सके और सरकार की योजनाओं पर किसानों का भरोसा कायम रहे।

सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश भार्गव कहते हैं, ‘विधानसभा में एमएलए बंसल की इस मांग का असर इतना था कि सदन के भीतर किसानों की दुर्दशा और धान खरीद की अनिश्चितता को लेकर एक अलग ही बहस का माहौल बन गया। अन्य दलों ने भी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि किसान हितों से जुड़ी योजनाओं को लेकर सरकार की गंभीरता पर सवाल उठ रहे हैं। इसलिए सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।’



