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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पदभार संभालने के करीब डेढ माह बाद पहली बार अपने पैतृक गांव अटारी पहुंचे। ग्रामीणों ने हजारों की संख्या में मुख्यमंत्री का दिल खोल कर स्वागत किया। छतों पर चढ़े महिला, पुरूष और बच्चों ने फूल बरसा कर उनका भव्य स्वागत किया तो भाव-विभोर हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नंगे पांव ही पूरे गांव की परिक्रमा कर ग्रामीणों का अभिवादन स्वीकार किया। बकौल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, ‘इस गांव की माटी में पला-बढ़ा हूं। मिट्टी के कण-कण में अपनापन है। इसलिए नंगे पैर घूमकर अपने परिजनों और ग्रामीणों का आभार जताया।’ मुख्यमंत्री ने अपने पैतृक निवास पहुंचकर माता-पिता का आशीर्वाद भी लिया। स्वागत के बाद मुख्यमंत्री ने कहा-‘हमारी सरकार आमजन की सरकार है। मैं स्वयं किसान परिवार से आता हूं, किसान की पीड़ा को मैंने करीब से देखा है। किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाकर खुशहाल बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। सरकार बनने के बाद इस दिशा में काम करते हुए हमने गेंहू खरीद पर समर्थन मूल्य की राशि बढ़ाने, किसान सम्मान निधि में वृद्धि जैसे किसान हितैषी फैसले किए हैं।’
शर्मा ने कहा कि एकीकृत ईआरसीपी परियोजना को हर हाल में पांच साल में पूरा किया जाएगा। ईआरसीपी परियोजना के माध्यम से पूर्वी राजस्थान के लिए पेयजल व सिंचाई हेतु भरपूर पानी उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए हमने उज्ज्वला योजना सहित चयनित बीपीएल परिवार की महिलाओं को 450 रूपए में एलपीजी सिलेण्डर देने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री की हर गारंटी को हम पूरा करेंगे।
शर्मा ने पैतृक गांव में पारिवारिक लोक देवताओं के थान, चामुण्डा माता मंदिर में दर्शन किए और गांव में स्थित डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। इससे पहले शर्मा ने बछामदी स्थित बिहारी जी मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना की। इस दौरान गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म, विधायक जगत सिंह, शैलेश सिंह, नौक्षम चौधरी, पूर्व विधायक बच्चू सिंह बंशीवाल आदि मौजूद थे।