देवभूमि में सत्संग हॉल, लंगर हॉल और संत निवास का लोकार्पण, क्या बोले जनप्रतिनिधि ?

ग्राम सेतु डॉट कॉम.
श्री नीलकंठ महादेव सेवा समिति की ओर से हनुमानगढ़ जंक्शन के गांधीनगर स्थित देवभूमि में सत्संग हॉल, लंगर हॉल व संत निवास का लोकार्पण विधायक प्रतिनिधि संतोष बंसल, नगरपरिषद सभापति सुमित रणवां, डॉ. एलडी भारद्वाज, भाजपा जिलाध्यक्ष देवेन्द्र पारीक, नगरपरिषद आयुक्त सुरेन्द्र यादव, एसकेडी विश्वविद्यालय के संस्थापक बाबूलाल जुनेजा, डॉ. बीबी धीगड़ा, एएसपी निर्मला चौधरी, समाजसेवी महावीर रणवां, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुरेश बाजिया, श्री नीलकंठ महादेव सेवा समिति संस्थापक अध्यक्ष अश्विनी नारंग, सचिव महावीर शर्मा, कोषाध्यक्ष दीपक नारंग, उपसमिति संरक्षक साहबराम करड़वाल, अध्यक्ष राजकुमार नागपाल, सचिव नरेश बाघला, कोषाध्यक्ष सुनील मिड्ढ़ा सहित समस्त श्रद्धालुओं द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। सुबह 8 बजे क्षेत्र की सुख स्मृद्धि व खुशहाली की कामना को लेकर हवन यज्ञ किया गया, जिसके बाद आचार्य पारस शास्त्री के सानिध्य में समस्त अतिथियों ने भगवान भोलेनाथ का रूद्राभिषेक किया गया, जिसके पश्चात मंत्रणा कक्ष, सत्संग हॉल, लंगर हॉल व संत निवास का लोकार्पण किया गया।
लोकार्पण कार्यक्रम के तहत टाउन व जंक्शन के समस्त दानदाताओं का अभिनंदन किया गया। अध्यक्ष अश्विनी नारंग ने बताया कि उक्त भव्य विशाल भगवान भोलेनाथ के मंदिर का निर्माण समस्त दानदाताओं के सहयोग से सम्पन्न हो पाया है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों से देवभूमि में निर्माण कार्य चल रहा था। तीन साल पहले मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया था। अब सत्संग हॉल, लंगर हॉल व संत निवास का निर्माण कार्य पूरा हुआ है। निर्माण कार्य में जंक्शन व टाउन शहर के दानदाताओं का सहयोग भी मिला। दो अगस्त को शिवरात्रि के उपलक्ष्य में सुबह दस बजे से रात्रि दस बजे तक भंडारा लगाया जाएगा और भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना होगी व रात्रि को जागरण होगा। नारंग ने बताया कि सत्संग हॉल पूर्णतः वातानुकूलित है। सत्संग हॉल में 450 से 500 लोगों के बैठने की सुविधा है। लंगर हॉल का स्ट्रक्चर नगर परिषद की ओर से बनाया गया था। उसके बाद समिति की ओर से सभी कार्य जनसहयोग से करवाए गए। उन्होंने बताया कि भविष्य में समिति की ओर से लंगर हॉल के ऊपरी मंजिल पर गुरुकुल खोलने का विचार है। उसका भी कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। गुरुकुल में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को सनातन व संस्कृत की शिक्षा दी जाएगी।

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