ग्राम सेतु जयपुर ब्यूरो.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि किसानों एवं पशुपालकों की आय में वृद्वि ही राजस्थान की समृद्धि का प्रतीक है। उन्हें सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने से विकसित राजस्थान की मजबूत नीव तैयार होगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि कृषक कल्याण के संबंधित विषयों को आगामी परिवर्तित बजट 2024-25 में सम्मिलित करने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री शर्मा मुख्यमंत्री कार्यालय में किसानों, पशुपालकों और डेयरी संघ के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व चर्चा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि एक व्यवसाय नहीं, कर्तव्य है जिसे किसान पूरी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं। विपरीत भौगोलिक एवं जलवायु परिस्थितियों में भी किसान अन्न पैदा कर हमारा पोषण कर रहे हैं। अन्नदाताओं के हम सब ऋणी हैं, यह ऋण नहीं चुकाया जा सकता है। बीकानेर के प्रगतिशील पशुपालक गेनाराम राइका ने राज्य में तेजी से प्रचलित हो रहा ऊंटनी का दूध पैकेज्ड बोटल के रूप में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भेंट किया। प्रदेशभर से आये हुए प्रगतिशील किसानों, पशुपालकों और डेयरी संघो के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री शर्मा के साथ बड़े उत्साह के साथ फोटो भी खिंचवाई।
शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकताओं की लिस्ट में कृषक कल्याण सबसे ऊपर रहा हैै। मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में सबसे पहले किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी करने का कार्य किया था। हाल ही में प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम में डीबीटी के माध्यम से देश के 9.26 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में करीब 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की। इन लाभान्वित किसानों में राजस्थान के भी 65 लाख से अधिक किसान शामिल हैं, जिनके बैंक खातों में लगभग 1 हजार 300 करोड़ रुपए स्थानांतरित किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का छह माह का कार्यकाल भी किसानों के सर्वांगीण विकास को समर्पित रहा है। हमारी सरकार ने तत्परता से गेहूं की एमएसपी पर 125 रुपये का बोनस देकर 2,400 रुपये प्रति क्विंटल करने और पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देय राशि 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 8 हजार रुपये करने का महत्वपूर्ण निर्णय किया है। साथ ही, 10 हजार करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त फसली ऋण उपलब्ध भी करवाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण बिजली खरीद में घाटा रहा तथा दूसरे राज्यों को बिजली लौटानी पड़ रही है। हमारी सरकार ने दूरदर्शिता के साथ राज्य के विद्युत निगमों एवं केन्द्रीय उपक्रमों के मध्य 5 एमओयू व 1 पीपीए किए है। इससे आने वाले समय में प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने 40 हजार से अधिक कृषि कनेक्शन जारी करने और किसानों को बिजली के बिलों में 8 हजार करोड़ रुपये का अनुदान भी दिया है। साथ ही, 50 हजार से अधिक किसानों के खेतों में सोलर पंप स्थापित करने की स्वीकृति जारी की गई। राज्य सरकार गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत 5 लाख गोपालकों को 1 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवा रही है।
अमृत के समान है किसानों के लिए पानी
शर्मा ने कहा कि किसानों के लिए पानी अमृत समान है। उनकी इस आवश्यकता की महत्ता के दृष्टिगत राज्य सरकार ने संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना (ईआरसीपी) पर मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के एमओयू कर परियोजना पर कार्य प्रारंभ कर दिया है। प्रथम चरण में 9 हजार 600 करोड़ रुपये के कार्य प्रारंभ किए जा रहे हैं। यह परियोजना पूर्वी राजस्थान के किसानों का भाग्य बदलने में निर्णायक साबित होगी। इस परियोजना से 21 जिलों के निवासियों के लिए पेयजल के साथ-साथ लगभग 25 लाख किसानों को 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए भरपूर पानी उपलब्ध होगा। राज्य सरकार ने शेखावटी क्षेत्र के लिए यमुना जल समझौते करने के साथ ही इंदिरा गांधी नहर परियोजना, माही बांध परियोजना को भी आगे बढ़ाया है।