यहां के लोग नाम के साथ अपने गांव का नाम भी लगाते हैं, जानिए… क्यों ?

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ग्राम सेतु एक्सक्लूसिव.
संस्कृत का श्लोक है ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरियसी’ अर्थात माता और जन्मभूमि स्वर्ग से भी अधिक बढ़कर हैं। यह श्लोक हमें अपनी माता और जन्मभूमि के प्रति सम्मान और कृतज्ञता की भावना को दर्शाता है। हमें प्रेरणा मिलती है कि हमारी माता और जन्मभूमि ने हमें जीवन दिया है। हमें उनके प्रति आभारी रहना चाहिए। सच तो यह है कि इस बात को सभी जानते हैं लेकिन मानते हैं तो बगवाड़ा जैसे चंद गांवों के लोग।


बगवाड़ा एक ऐसा गांव है, जहां आप जयपुर की भीड़-भाड़ से दूर एक शांत और सुंदर वातावरण में समय बिता सकते हैं। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति आपको आकर्षित तो करेगी ही, साथ ही आपको एक यादगार अनुभव भी प्रदान करेगी।
अपनी जन्मभूमि के प्रति अपना प्रेम और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए बगवाड़ा गांव के लोगों ने अपने गांव को अपनी पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हुए एक अनूठी पहल की है। इन्होंने अपने गांव के नाम को अपने व्यक्तिगत नाम का हिस्सा बनाया है। सोशल मीडिया जो एक वैश्विक मंच है, उस पर अपने गांव को पहचान देने के लिए यहां के लोग अपने नाम के साथ अपने गांव का नाम लगाना पसंद करते हैं। यह गांव के प्रति उनके प्रेम और गर्व को दर्शाता है। इस तरह, वे न केवल अपने गांव की पहचान को मजबूत बनाते हैं, बल्कि अपने गांव को एक वैश्विक मंच पर प्रस्तुत कर रहे हैं। यह एक अनूठी पहल है, जो गांव के युवाओं के बीच एकता और सामुदायिक भावना को बढ़ावा देती है। बगवाड़ा गांव के युवाओं का यह प्रयास एक प्रेरणा है कि हमें अपनी जड़ों को कभी नहीं भूलना चाहिए और अपने गांव के प्रति गर्व महसूस करना चाहिए। बगवाड़ा गाँव के लोगों का अपने गाँव के प्रति प्रेम और लगाव का एक अनोखा और प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिलता है। यहाँ के लोग अपने गाँव को एक परिवार की तरह मानते हैं और उसकी सेवा और विकास के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। यहां के लोगों का कहना है की हमें अपनी जन्मभूमि की कद्र करनी चाहिए और उसके विकास में योगदान देना चाहिए।


बगवाड़ा गांव ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रुप से समृद्ध होने के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी एक समृद्ध गांव है। वैसे तो यहां के लोगों की मुख्य आजीविका कृषि और पशुपालन है लेकिन हाल में यहां के युवाओं की सरकारी सेवाओं में भागीदारी ने एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह एक उदाहरण भी है कि कैसे एक छोटे से गांव के लोग बड़े सपने देख सकते हैं और उन्हें पूरा कर सकते हैं। इस गांव के बहुत से लोग प्रशासनिक सेवाओं के साथ चिकित्सा, शिक्षा, विज्ञान, सेना, पुलिस और पत्रकारिता जैसे क्षेत्रों में अच्छे पदों को सुशोभित करते हुए खुशहाल जीवन जी रहे है और साथ ही कई उपलब्धियां प्राप्त कर रहे है।
बगवाड़ा गांव के लोगों की सरकारी सेवाओं में भागीदारी एक गर्व की बात है। यह गांव के लोगों की योग्यता, मेहनत, और समर्पण को दर्शाता है। इन लोगों की उपलब्धियां गांव के युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं और उन्हें भी सरकारी सेवाओं में जाने के लिए प्रेरित करती हैं। यह गांव के विकास में भी मदद करता है, क्योंकि ये लोग अपने अनुभव और ज्ञान का उपयोग गांव की समस्याओं को हल करने में करते रहते हैं। गांव की महिलाएं भी अपनी भूमिका निभा रही हैं, वे कृषि और पशुपालन में अपनी मेहनत से अपना योगदान दे रही हैं। साथ ही, वे अपने परिवार का पालन-पोषण करने में भी मदद कर रही हैं।
गांव में से होकर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 48 गुजरता है जिस पर गांव के बहुत से लोगों के व्यावसायिक संस्थान, दुकान और ढाबे है जिससे कई लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार तो उपलब्ध होता ही साथ-साथ यह आवागमन को भी सुगम बनाता है। गांव के लोगों को इससे एक बड़ा फायदा है, क्योंकि इससे वे अपने उत्पादों को आसानी से बाजार में पहुंचा सकते हैं और अपने व्यापार को बढ़ा सकते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर सौभाग्य से गांव ऐसी जगह पर स्थित है जिससे गांव का जुड़ाव देश और प्रदेश दोनों की राजधानियों से बना हुआ है। जो गांव की प्रगति का द्योतक है। गांव के पास ही अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम निर्माणाधीन है। इसी वजह से गांव में कई रिजॉर्ट्स बन रहे हैं जिनमें देश-विदेश के कई लोग आने जाने लगे है। यह रिजॉर्ट स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवा रहे हैं। गांव में सरकारी हॉस्पिटल, हिंदी माध्यम व अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों के साथ विभिन्न निजी शिक्षण संस्थान भी है जो गांव को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाते हैं।
बगवाड़ा गांव में गणगौर त्यौहार एवं तेजा दशमी के अवसर पर दो बड़े मेलों का आयोजन होता है जिनमें गांव के लोगों की सामूहिक सहभागिता होती है जो गांव के लोगों को एकता के सूत्र में बांधती है।


शिक्षा विभाग में प्राध्यापक रामजीलाल सामरिया ‘ग्राम सेतु’ से कहते हैं, ‘हमारे गांव का जयपुर शहर के नजदीक होने से एक बड़ा फायदा है। इससे गांव के लोगों को शहरी और ग्रामीण दोनों ही तरह के जीवन का अनुभव होता है, जो उनके व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शहरी जीवन के संपर्क में आने से गांव के लोगों को नए अवसरों और सुविधाओं का लाभ मिलता है, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर। वहीं, ग्रामीण जीवन के साथ जुड़े रहने से उन्हें अपनी संस्कृति, परंपराओं, और प्राकृतिक सौंदर्य के साथ जुड़ने का मौका मिलता है। इस तरह, बगवाड़ा गांव के लोगों को दोनों ही दुनिया का अनुभव होता है, जो उनके जीवन को समृद्ध बनाता है और उन्हें एक संतुलित जीवन जीने में मदद करता है।’


गांव के ही व्यवसायी व समाज सेवी जगदीश ‘खोजी’ कहते हैं कि बगवाड़ा गांव के समाजिक संबंध बहुत अच्छे है। गांव में समय-समय पर विभिन्न धार्मिक आयोजन होते रहते हैं, जो गांव के लोगों को एक साथ लाते हैं और उनके बीच एकता और भाईचारा बढ़ाते हैं। गांव के लोगों का एक दूसरे की मदद करना भी एक बहुत अच्छी बात है। इससे गांव में एक सहयोगी और समर्थन करने वाला माहौल बनता है, जो गांव के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जगदीश खोजी के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि बगवाड़ा गांव में एक मजबूत सामाजिक ताना-बाना है, जो गांव के लोगों को एक साथ रखता है और उनके जीवन को सुखद बनाता है। यह गांव के लिए एक बहुत बड़ी ताकत है और इससे गांव का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है।
बगवाड़ा गांव की समृद्धि की कहानी बहुत ही प्रेरणादायक है। गांव के लोगों का कृषि और पशुपालन में लगे होना एक मजबूत आर्थिक आधार प्रदान करता है, जबकि निजी व्यापार और सरकारी सेवा में उनकी भागीदारी गांव की विविधता और समृद्धि को दर्शाती है। यह दिखाता है कि गांव के लोग अपने जीवन को सुधारने और अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उनके यह प्रयास गांव की समृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं और गांव को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जा रहे हैं।
इसके अलावा, यह भी दिखाता है कि गांव के लोग अपने जीवन में विविधता लाने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। यह एक बहुत ही सकारात्मक संकेत है और यह दिखाता है कि गांव के लोग अपने भविष्य को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस कहानी को सुनकर लगता है कि बगवाड़ा गांव एक ऐसा गांव है जो अपने लोगों की मेहनत और प्रयासों से समृद्धि की ओर बढ़ रहा है।
नोट: आप भी अपने गांव से संबंधित रिपोर्ट मय फोटो हमें व्हॉट्सएप 96104 48378 और ईमेल gramsetu.sms@gmail.com पर भेज सकते हैं

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