



ग्राम सेतु ब्यूरो.
राजस्थान का पोकरण कस्बा दुनिया में परमाणु विस्फोट के लिए विख्यात है। लेकिन इस वक्त पोकरण तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण की दबंगता के कारण चर्चा में है। तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण ने वर्षों से कब्जाशुदा सरकारी भूमि पर खुद ट्रैक्टर चलाकर उसे ध्वस्त कर दिया और ‘सरकारी संपत्ति’ का बोर्ड लगा दिया। इस कार्रवाई से तहसीलदार विश्व प्रताप चारण अचानक सुर्खियों में आ गए हैं। इसे राजस्थान का पहला मामला बताया जा रहा है जब किसी तहसीलदार ने खुद ट्रैक्टर चलाकर अतिक्रमण हटाया हो।

जानकारी के मुताबिक, झाड़ोद, सरदारपुरा कलां और खिंचिया बासनी की करीब 285 बीघा भूमि पर कब्जा था। प्रशासनिक अधिकारी चाहकर भी कब्जा हटाने का साहस नहीं जुटा पा रहे थे। तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण ने कार्रवाई को अंजाम देने का निर्णय किया। उन्होंने नायब तहसीलदार ओमप्रकाश मेव, गिरदावर भवानी सिंह, गिरदावर प्रेमाराम, गिरदावर देवाराम, पटवारी मुकेश प्रजापत, पटवारी मनीष मड़ीवाल, पटवारी चांद खां और पटवारी रामनिवास के साथ मिलकर वर्षों के इस कब्जे को खाली करवाया। दिलचस्प बात है कि कब्जे के खिलाफ तहसीलदार विश्वप्रताप चारण पहले भी मुखर रहे हैं। उन्होंने कुचामन-डीडवाना के मौलासर में बतौर तहसीलदार खुद मौके पर जाकर भूमाफिया से भिड़कर कब्जा मुक्त करवाया था और तत्काल पत्थरगढ़ी व तारबंदी करवाई थी। उनकी इस दबंगता की सर्वत्र सराहना हुई थी। राजस्व मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने भी तहसीलदार की पीठ थपथपाई थी। काबिलेगौर है, विश्व प्रताप सिंह संगरिया में भी बतौर तहसीलदार चर्चा में रहे। उनके पिता पीथदान चारण हनुमानगढ़ सहकारी भूमि विकास बैंक में बतौर सचिव सेवारत हैं।



