
ग्राम सेतु ब्यूरो.
राजस्थान में सड़कों पर घूमते निराश्रित गौवंश से लोगों को होने वाली परेशानियां और सड़क दुर्घटनाओं की समस्या जल्द ही खत्म होने वाली है। राज्य सरकार इस दिशा में एक ठोस योजना पर काम कर रही है, जिसकी जानकारी खुद पशुपालन और गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने दी। उन्होंने बताया कि सरकार ‘सेक्स सॉर्टेड सीमन’ योजना और गौशाला अनुदान जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं के जरिए इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने में जुटी है। पाली जिले के केसरी गार्डन में आयोजित होली स्नेह मिलन कार्यक्रम के दौरान सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में इस योजना का खुलासा किया गया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत के साथ पूर्व सांसद पुष्प जैन और पाली के पूर्व विधायक ज्ञानचंद परख सहित कई गणमान्य नेता उपस्थित थे। मंत्री कुमावत ने बताया कि प्रदेश में सड़कों पर घूम रहे अधिकांश निराश्रित मवेशी नर गौवंश यानी नंदी होते हैं। पहले के समय में नंदी का उपयोग बैलगाड़ी खींचने और हल चलाने जैसे कार्यों में होता था, लेकिन आधुनिक कृषि तकनीकों के चलते अब इनकी उपयोगिता न के बराबर रह गई है। परिणामस्वरूप, लोग इन्हें खुला छोड़ देते हैं, जिससे यह समस्या विकराल रूप ले रही है।

सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए ‘सेक्स सॉर्टेड सीमन’ योजना शुरू की है, जिससे गायों का गर्भाधान इस तरह से किया जाएगा कि 90 फीसद संभावना बछिया जन्म लेने की रहे। इससे राज्य में दुधारू पशुओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी और नर गौवंश की संख्या में गिरावट आएगी। इस योजना के तहत पहले इस प्रक्रिया की एक डोज 765 रुपये में मिलती थी, लेकिन सरकार ने अब इस पर भारी सब्सिडी देकर इसे महज 265 रुपये कर दिया है। पशुपालकों को इसमें 75 फीसद अनुदान मिल रहा है, जिससे यह डोज सिर्फ 75 रुपये में उपलब्ध होगी।
गौशालाओं को मिलेगा अनुदान
मंत्री ने बताया कि प्रदेशभर में नई गौशालाएं खोली जा रही हैं, जहां निराश्रित गायों को सुरक्षित रखा जाएगा। सरकार इन गौशालाओं को भी आर्थिक सहायता दे रही है, ताकि वहां बेहतर देखभाल की जा सके। राजस्थान सरकार की इन योजनाओं के लागू होने से न केवल सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं की समस्या का समाधान होगा, बल्कि पशुपालकों को आर्थिक लाभ भी मिलेगा। दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ने से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी, जिससे किसानों और पशुपालकों की आय में इजाफा होगा। राज्य सरकार की यह पहल सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में भी कारगर साबित होगी। अगर यह योजना सफल रही, तो आने वाले समय में राजस्थान की सड़कें निराश्रित गौवंश मुक्त नजर आएंगी।