





ग्राम सेतु ब्यूरो.
धार्मिक आयोजन केवल आस्था का प्रतीक नहीं होते, बल्कि वे समाज में एकता, प्रेम और सेवा भाव को प्रोत्साहित करने का सशक्त माध्यम भी होते हैं। हनुमानगढ़ में माता अंग्रेज कौर चैरिटेबल ट्रस्ट और सचखंड कॉन्वेंट स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय गुरमत समागम इसी भावना का जीवंत उदाहरण बना। श्रद्धा, भक्ति और सेवा के इस दिव्य आयोजन ने सैकड़ों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति प्रदान की और समाज में धार्मिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया। गुरु की बाणी के मधुर स्वर, संगत की आस्था और निःशुल्क पौधों के वितरण जैसी सेवाओं ने इस समागम को एक प्रेरणादायक आयोजन बना दिया।

तीन दिवसीय इस धार्मिक आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और गुरु की बाणी का श्रवण कर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किया। समागम की शुरुआत 13 मार्च को श्री अखंड पाठ साहिब के शुभारंभ से हुई थी। 15 मार्च यानी शनिवार को प्रातः 9 बजे श्री अखंड पाठ का भोग डाला गया, जिसके पश्चात कीर्तन और कथा का आयोजन हुआ। इस अवसर पर प्रसिद्ध भाई अपार सिंह जीरा वाले ने सुबह 10 बजे से गुरु की बाणी का दिव्य कीर्तन प्रस्तुत किया। उनके द्वारा किए गए गुरबाणी प्रवाह ने संगत को आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति करवाई।

समागम के अंतिम दिन क्षेत्र की बड़ी संख्या में संगत ने पहुंचकर मत्था टेका और सरबत के भले की अरदास की। श्रद्धालुओं ने प्रेम और श्रद्धा भाव से गुरु का लंगर ग्रहण किया। समागम स्थल सचखंड कॉन्वेंट स्कूल, हनुमानगढ़ के परिसर में गुरु की बाणी से गूंज उठा, जिससे पूरे वातावरण में भक्तिमय माहौल बना रहा।
इस गुरमत समागम का मुख्य उद्देश्य समाज में सेवा, आध्यात्मिकता और भक्ति का प्रसार करना था। माता अंग्रेज कौर चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा समागम में पहुचे 1500 फलदार पौधों का निशुल्क वितरण किया। समागम के अंत में मलकीत सिंह मान ने सभी श्रद्धालुओं का धन्यवाद किया और भविष्य में भी इसी तरह के आयोजनों से संगत को जोड़ने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजनों से समाज में एकता, भाईचारे और सेवा भाव को बल मिलता है।

