ग्राम सेतु न्यूज सर्विस.
सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने 28 अगस्त को कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में किसानों और पशुपालकों की समृद्धि और कल्याण के लिये कृतसंकल्प है और इसी सोच को साकार करने के लिये राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड ऋण योजना पोर्टल की शुरूआत की गई है। नेहरू सहकार भवन में आयोजित समारोह में पोर्टल की शुरूआत करते हुये दक ने कहा कि देश में पहली बार राजस्थान प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत गोपालक किसान परिवार को एक लाख रुपये तक का अल्पकालीन ब्याज मुक्त ऋण एक वर्ष की अवधि के लिये उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि गोपालक किसान द्वारा ऋण का समय पर चुकारा करने पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं देना होगा।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि गोपालक किसान परिवारों को गाय/भैंस हेतु शैड, खेली निर्माण एवं चारा/बांटा सहित आवश्यक उपकरण खरीदने के लिये पैसों की कमी रहती थी, जिससे वह गोपालन से मिल सकने वाला पूरा लाभ नहीं ले पाता था। इसी को ध्यान में रखते हुये गोपालक किसान को ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
दक ने कहा कि ऋण वितरण को पारदर्शी बनाने तथा गोपालक किसान परिवार को ऋण प्राप्त करने में किसी प्रकार की असुविधा न हो इसलिये ऋण आवेदन से लेकर स्वीकृति की प्रक्रिया को ऑनलाइन माध्यम से संपादित किया जायेगा। गोपालक किसान ई-मित्र केन्द्र या संबंधित ग्राम सेवा सहकारी समिति के माध्यम से ऋण के लिये आवेदन कर सकता है। उन्होंने कहा कि गोपालक किसान को प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति का सदस्य होना अनिवार्य है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रदेश के अधिकाधिक गोपालक किसानों को गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत ऋण उपलब्ध कराने के लिये दुग्ध संघ एवं केन्द्रीय सहकारी बैंकों के संयुक्त तत्वाधान में शिविरों का आयोजन किया जायेगा ताकि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किये गये पांच लाख किसानों को ऋण उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों से कहा कि योजना का अधिकाधिक लाभ पहुंचाने के लिये योजना का प्रचार-प्रसार किया जावे।
इस अवसर पर शासन सचिव, सहकारिता शुचि त्यागी, रजिस्ट्रार, सहकारिता अर्चना सिंह, प्रबंध निदेशक आरसीडीएफ सुषमा अरोडा, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (प्रथम) राजीव लोचन शर्मा, प्रबंध निदेशक अपेक्स बैंक संजय पाठक सहित सहकारिता विभाग तथा आरसीडीएफ और सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।