कवि मनोज देपावत के काव्य संग्रह का विमोचन, क्या बोले मायामृग ?

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ग्राम सेतु साहित्य डेस्क.
हनुमानगढ़ के कवि मनोज देपावत का काव्य संग्रह ‘सच कहती थी तुम’ का विमोचन जिला मुख्यालय स्थित सूचना केंद्र में गरिमामय समारोह में हुआ। इस मौके पर काव्य गोष्ठी भी हुई, इसमें ख्यातनाम साहित्यकारों एवं कवियों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि बोधि प्रकाशन, जयपुर के संस्थापक मायामृग थे। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार भगवती पुरोहित कागद ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष तरुण विजय, बीकानेर से मोनिका गौड़, श्रीगंगानगर से कृष्ण कुमार आशु, भादरा से पवन शर्मा एवं वरिष्ठ बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा शामिल हुए।


आयोजन की शुरुआत सुमन देपावत द्वारा सरस्वती वंदना से हुई। वरिष्ठ साहित्यकार मायामृग ने पुस्तक का विमोचन करते हुए कविता की जीवंतता पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने कवि मनोज देपावत को ‘कविता का शिष्यत्व प्राप्त करने’ का संदेश दिया और उनकी लेखनी को समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया। मोनिका गौड़ ने कहा कि यह संग्रह समाज में व्याप्त मुखौटों को हटाकर वास्तविकता को उजागर करता है और कवि देपावत को सत्य के अनुसंधान का रचनाकार बताया। कृष्ण कुमार आशु ने कहा कि किताबों से दूर होती युवा पीढ़ी के लिए यह संग्रह एक मार्गदर्शक साबित होगा। तरुण विजय ने इस तरह के साहित्यिक आयोजनों की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए युवा कवि को बधाई दी। दीनदयाल शर्मा ने ‘नानी’ कवित के माध्यम से कवि के बाल मन को उकेरा और पुस्तक के प्रकाशन पर हर्ष व्यक्त किया। अध्यक्ष भगवती पुरोहित ने दिवंगत साहित्यकार ओम पुरोहित कागद के साथ मनोज देपावत की पुरानी स्मृतियों को साझा करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया।
कवि मनोज देपावत ने अपने जीवन परिचय, काव्य यात्रा और इस पुस्तक के प्रकाशन की प्रक्रिया को साझा किया। उन्होंने अपनी पुस्तक से शीर्षक कविता ‘सच कहती थी तुम’ और ‘सरहद के उस पार’ नामक कविता का पाठ किया, जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा। उनकी धर्मपत्नी सुमन देपावत ने उनकी पुस्तक से ही ‘जो मैं नारी नहीं होती’ कविता को सुमधुर स्वर में प्रस्तुत किया, जो पूर्व में उनके यूट्यूब चैनल पर भी प्रसारित हो चुकी है।


समारोह के दौरान एक भव्य काव्य गोष्ठी भी आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। प्रमुख कवि निम्नलिखित रहे रावतसर से रूपसिंह राजपुरी, रंगलाल बिश्नोई, ओमप्रकाश पाईवाल, नीता अग्रवाल, हनुमानगढ़ से डॉ. प्रेम भटनेरी, राजवीर सिंह, गुरदीप सोहल, मोहनलाल, उदयपाल, सरोज शर्मा, एम.ए. राठौर, अदरीस खान ‘रसहीन’, मनोज पुरोहित सहित सभी कवियों ने अपनी उत्कृष्ट कविताओं से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।
गोलूवाला की सामाजिक संस्था ‘वृक्षमित्र एंव मानव सेवा संस्थान’ के समस्त कार्यकर्ताओं सहित साथ मनोज स्वामी, सुरेंद्र ओझा, पन्नालाल रोलन, शीशपाल सुथार आदि ने शिरकत की।
कार्यक्रम का संचालन कवि वीरेंद्र छापोला ने अपने प्रभावशाली अंदाज में किया। अंत में सभी साहित्यकारों और कवियों ने मनोज देपावत को उनके प्रथम काव्य संग्रह के प्रकाशन पर शुभकामनाएं दीं और इस आयोजन को साहित्यिक जगत के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बताया।

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