सुमित रणवा का आरोप-नियम विरुद्ध चल रहा बतरा हॉस्पीटल, डॉ. बतरा का जवाब-मापदंडों के अनुरूप हो रहा अस्पताल का संचालन

ग्राम सेतु ब्यूरो.
विधायक गणेशराज बंसल और विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष डॉ. निशांत बतरा के बीच बढ़ते विवाद में रविवार को नया मोड़ आ गया जब पूर्व सभापति सुमित रणवां के नेतृत्व में सर्व समाज के दर्जन भर लोगों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. बतरा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहाकि यह सुनियोजित साजिश है ताकि विधायक को बदनाम किया जा सके। वहीं, पूर्व सभापति सुमित रणवां ने बतरा हॉस्पीटल और भवन को नियम विरुद्ध बताया। उन्होंने कहाकि बतरा हॉस्पीटल सरकार के निर्धारित मापदंडों को पूर्ण नहीं करता। इस तरह की शिकायत मिलने पर विधायक ने सीएमएचओ और नगरपरिषद को जांच के लिए कहा था। अगर उनके मन में डॉ. बतरा के प्रति कोई दुर्भावना होती तो वे उस वक्त कार्रवाई कर सकते थे जब डॉ. बतरा ने सार्वजनिक सभा में विधायक पर गंभीर आरोप लगाए थे। जब उस मामले में भी विधायक किसी गुट के बजाय शहर के हित में खड़े नजर आए थे।
होटल जीएम रिसोर्ट में पत्रकार वार्ता में पूर्व सभापति सुमित रणवां ने आरोप लगाया कि डॉ. बतरा माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि विधायक ने डॉ. बतरा को कोई धमकी नहीं दी। अगर ऐसी कोई धमकी दी होती तो वे उसे वायरल कर देते। बकौल रणवां-‘डॉ. बतरा ने मेरे बारे में भी अनर्गल और अशोभनीय बातें की थी। जब मैंने पूछा तो उन्होंने कहाकि मुझे तो विधायक से दिक्कत है, बाकी कोई लेना नहीं।’


शिकायत थी, इसलिए जानकारी मांगी
सुमित रणवां ने कहा-‘विधायक के पास शिकायत आई थी कि बतरा हॉस्पीटल निर्धारित मापदंडों के अनुरूप नहीं चल रहा। भवन निर्माण में गडबड़ी है। इस पर सीएमएचओ और नगरपरिषद को वस्तुस्थिति का पता करने के लिए कहा था। जो सूचना आई है, उससे स्पष्ट है कि सब कुछ राम भरोसे चल रहा है। अस्पताल के लिए 1000 स्क्वायर मीटर जगह की जरूरत पड़ती है, खासकर जहां ऑपरेशन थियेटर हो लेकिन बतरा हॉस्पीटल के पास इतनी जगह नहीं। फिर आवासीय निर्माण के लिए स्वीकृति ली हुई है जबकि 30 बैड का अस्पताल संचालन हो रहा है। सब कुछ राम भरोसे है। कभी कोई हादसा हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है ? डॉ. बतरा ने क्रमशः 2014, 2017 और फिर कोरोना काल के बाद भूमि रूपांतरण के लिए आवेदन किया लेकिन कागज कंप्लीट करवाने में उनकी कोई रुचि नहीं।’


‘कमियां छिपाने के लिए विहिप की आड़ लेना ठीक नहीं’
सुमित रणवां बोले-‘मैं भी हिंदू हूं, विधायक भी हिंदू हैं, हम सब हिंदू समाज से हैं और पूरी तरह सनातनी हैं। जिलाध्यक्ष होने से डॉ. बतरा विश्व हिंदू परिषद को हाईजैक नहीं कर सकते। वे अपनी कमियां छिपाने और आपसी खुन्नस निकालने के लिए विश्व हिंदू परिशद का इस्तेमाल कर रहे हैं जो न सिर्फ अनुचित बल्कि निंदनीय भी है।’
विधायक के पक्ष में उतरे ये लोग
अग्रवाल समाज समिति जंक्शन अध्यक्ष सुभाष बंसल, फूडग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन अध्यक्ष नरोत्तम सिंगला, सचिव सन्नी अरोड़ा, पूर्व अध्यक्ष संतराम जिंदल, पूर्व पार्षद मदन बाघला, सरपंच प्रतिनिधि हरदीप सिंह रोडीकपूरा, व्यापारी नेता रमन गर्ग, पूर्व पार्षद प्रतिनिधि मुकेश भार्गव, पूर्व पार्षद राजेंद्र चौधरी, सुरेंद्र गोंद, गौरव जैन, भूपेंद्र नेहरा, अर्चित अग्रवाल, श्यामसुंदर झंवर, एडवोकेट रामकुमार बिश्नोई, विनीत बिश्नोई, लबाना समाज के अध्यक्ष वली मोहम्मद उर्फ काले खां व किसान नेता अवतार सिंह बराड़ आदि।


एनओसी मिलने पर ही होता है अस्पताल का संचालन: डॉ. बतरा
उधर, डॉ. निशांत बतरा ने कहा-‘हॉस्पीटल सरकार के निर्धारित मापदंडों के अनुरूप संचालित होता है। इसके लिए विभागों के एनओसी की जरूरत पड़ती है, सब कुछ अनुकूल होने के बाद ही एनओसी जारी होती है। जिस तरह हमें प्रताड़ित किया जा रहा है, हमने मजबूर होकर अदालत का दरवाजा खटखटाया है, न्याय की गुहार लगाई है। क्योंकि जब कोई जान से मारने की धमकी दे सकता है तो वह किसी भी हद तक जा सकता है। इसलिए न्यायालय पर भरोसा है, इंसाफ होगा। जहां तक जान से मारने की धमकी के सबूत की बात है तो विधायक खुद बताएं कि उन्होंने 6 मिनट तक क्या बातें कीं ? क्या, उन्होंने शहर के विकास के मसले पर 6 मिनट चर्चा की है ? इसका जवाब आप विधायक महोदय से ही लीजिए। हमने तो पुलिस को सारे सबूत सौंप दिए हैं।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *