




ग्राम सेतु ब्यूरो.
हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी के पास प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने एक बार फिर संघर्ष तेज करने का एलान कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चे की ओर से 17 दिसंबर को जिला कलेक्ट्रेट पर प्रस्तावित महापंचायत को लेकर गांव-गांव संपर्क अभियान शुरू हो गया है। इसी कड़ी में किसान नेता मंगेज चौधरी, रेशम सिंह मनुका और अन्य पदाधिकारी टीबी गांव के गुरुद्वारे पहुंचे, जहां सैकड़ों किसानों और माता-बहनों को महापंचायत का न्योता दिया गया। गुरुद्वारा परिसर में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए किसान नेता मंगेज चौधरी ने प्रशासन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि एथेनॉल फैक्ट्री के मामले में जिला प्रशासन ने वह कहावत चरितार्थ कर दी है कि ‘सौ जूते भी खाए और सौ प्याज भी खाए।’ मंगेज चौधरी ने आरोप लगाया कि कलेक्टर ने फैक्ट्री का काम रोकने का आदेश बहुत देर से दिया। यदि यह फैसला 10 दिसंबर को ही ले लिया जाता, तो इतनी बड़ी घटना और हिंसक हालात पैदा नहीं होते। उन्होंने कहा कि प्रशासन की देरी की वजह से किसानों और पुलिसकर्मियों को चोटें आईं और क्षेत्र में तनाव फैला।
मंगेज चौधरी ने साफ किया कि फैक्ट्री का काम रुक जाना संघर्ष की जीत नहीं, बल्कि सिर्फ एक पड़ाव है। उन्होंने कहा कि जब तक एथेनॉल फैक्ट्री का एमओयू पूरी तरह रद्द नहीं किया जाता, तब तक क्षेत्र का किसान पीछे हटने वाला नहीं है। उन्होंने किसानों से 17 दिसंबर को अधिक से अधिक संख्या में जिला कलेक्ट्रेट पहुंचने की अपील की और कहा कि यह लड़ाई जमीन, पानी और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की है।
इस दौरान रेशम सिंह मनुका ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर गांव-गांव जाकर किसानों को महापंचायत का निमंत्रण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों में भारी रोष है और हर गांव से लोग कलेक्ट्रेट पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं। मनुका ने बताया कि 17 दिसंबर की महापंचायत में देश के बड़े किसान नेता शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, किसान नेता जोगेंद्र उगराह, लोक गायक कंवर ग्रेवाल, सांसद अमराराम और सांसद हनुमान बेनीवाल के पहुंचने की संभावना है। बड़े नेताओं की मौजूदगी से आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर और मजबूती मिलेगी।
संघर्ष समिति के सदस्य जगजीत सिंह जगी ने भी बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि टीबी और आसपास के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में किसान संयुक्त किसान मोर्चे के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचेंगे। जगी ने कहा कि प्रशासन ने फैक्ट्री का काम रोककर एक कदम जरूर बढ़ाया है, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चे की मांग इससे कहीं आगे की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एथेनॉल फैक्ट्री का एमओयू रद्द किया जाए और आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाएं।
जगजीत सिंह जगी ने कहा कि जब तक इन मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक संघर्ष समिति का आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संघर्ष समिति पूरी तरह संयुक्त किसान मोर्चे के कार्यक्रमों के साथ खड़ी है और 17 दिसंबर की महापंचायत को निर्णायक बनाने की पूरी तैयारी है।
गुरुद्वारे में हुई बैठक के दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद रहीं। उन्होंने भी आंदोलन के समर्थन में आवाज बुलंद की और कहा कि एथेनॉल फैक्ट्री से क्षेत्र के पर्यावरण, जल और कृषि पर गंभीर असर पड़ सकता है। किसानों ने एक सुर में कहा कि यह लड़ाई सिर्फ फैक्ट्री के विरोध की नहीं, बल्कि अपने हक और भविष्य की रक्षा की है। कुल मिलाकर, 17 दिसंबर को होने वाली महापंचायत को लेकर किसान संगठनों ने कमर कस ली है। प्रशासन के लिए यह दिन एक बार फिर बड़ी चुनौती साबित हो सकता है, क्योंकि किसानों के तेवर साफ बता रहे हैं कि आंदोलन फिलहाल थमने वाला नहीं है।





