




ग्राम सेतु ब्यूरो.
राज्य सरकार के दो वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर शनिवार को जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट परिसर में जिला स्तरीय कार्यक्रम ‘बढ़ता राजस्थान-हमारा राजस्थान’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री सुमित गोदारा ने भाग लिया। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से 5 विकास रथों को हरी झंडी दिखाकर विधानसभावार रवाना किया। इन विकास रथों पर लगी एलईडी स्क्रीन के माध्यम से ऑडियो-वीडियो प्रस्तुति द्वारा राज्य सरकार के पिछले दो वर्षों में किए गए प्रमुख कार्यों, योजनाओं और घोषणाओं की क्रियान्विति की जानकारी आम नागरिकों तक पहुंचाई जा रही है। इसका उद्देश्य यह है कि सरकार की नीतियों और उपलब्धियों से जनता सीधे तौर पर जुड़ सके और उन्हें यह समझ में आए कि बीते दो वर्षों में राज्य में किस तरह बदलाव हुए हैं। कार्यक्रम के दौरान सामाजिक सरोकार को भी विशेष महत्व दिया गया। स्कूटी वितरण कार्यक्रम के तहत 20 दिव्यांगजनों को स्कूटियां प्रदान की गईं, जिससे उनकी गतिशीलता बढ़ेगी और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे। इसके साथ ही सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत बाइक और ऑटो रैली को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस रैली के माध्यम से आमजन को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया गया।
इस मौके पर प्रभारी मंत्री सुमित गोदारा ने प्रेस वार्ता को भी संबोधित किया। गोदारा ने राज्य सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल को ‘सुशासन, विकास और विश्वास’ को समर्पित बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार ने बीते दो वर्षों में जन-जन के कल्याण को प्राथमिकता दी है। राज्य के हर वर्गकृकिसान, युवा, महिला, श्रमिक और व्यापारीकृको राहत पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। प्रभारी मंत्री ने बताया कि सरकार ने अपने संकल्प पत्र में किए गए 362 वादों में से दो वर्ष की अवधि में 274 संकल्पों को या तो पूर्ण कर लिया है या वे प्रगतिरत हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार केवल घोषणाएं नहीं कर रही, बल्कि धरातल पर काम भी कर रही है। उन्होंने कहा कि नहरी क्षेत्रों के सुदृढ़ीकरण को लेकर मुख्यमंत्री गंभीर हैं। इसी क्रम में उन्होंने स्वयं जिले के नहरी क्षेत्रों का निरीक्षण किया था। पश्चिमी राजस्थान में लगभग 3400 करोड़ रुपये की लागत से खालों और मोघों के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जा रहा है, जिससे जल संरक्षण और सिंचाई व्यवस्था में सुधार होगा।

प्रभारी सचिव ने भी प्रेस वार्ता में जिले में हुए विकास कार्यों का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि भादरा में खेल स्टेडियम, हनुमानगढ़ में सिंथेटिक ट्रैक का निर्माण, 590 करोड़ रुपये की लागत से 1.07 लाख हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र में पक्के खालों का पुनर्निर्माण, 325 करोड़ रुपये की लागत से घग्घर नदी क्षेत्र में विकास कार्य, मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को अतिरिक्त आर्थिक सहायता जैसी कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां जिले को मिली हैं। इसके अलावा जिले में 400 केवी का जीएसएस, 132 केवी के ग्रिड ग्रेड सब-स्टेशन, 33/11 केवी के 21 सब-स्टेशन तथा गौशालाओं को 229 करोड़ रुपये की सहायता भी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में शामिल है। उन्होंने बताया कि “राइजिंग राजस्थान” अभियान के तहत जिले में हुए 102 एमओयू में से 49 एमओयू पर आधारित लगभग 890 करोड़ रुपये के निवेश से उत्पादन शुरू हो चुका है, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं।
किसानों के हित में उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि पूरे देश में सर्वाधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद राजस्थान में हुई है। पिछले वर्ष सरकार ने 125 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया था, जबकि इस वर्ष एमएसपी पर अतिरिक्त 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया गया। प्रदेश में खरीदी गई लगभग 22 लाख मैट्रिक टन गेहूं में से 8.61 लाख मैट्रिक टन गेहूं केवल हनुमानगढ़ जिले से खरीदा गया, जो प्रदेश की कुल खरीद का 40 प्रतिशत से अधिक है। इससे जिले के किसानों को 129.30 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त बोनस राशि का लाभ मिला।
प्रभारी मंत्री ने धर्मांतरण विधेयक, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती, स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़े खर्च, किसान कल्याण योजनाओं, रसोई गैस सब्सिडी, अटल पथ, सड़क, सिंचाई और रोजगार से जुड़ी उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने पेपर लीक जैसी समस्याओं पर सख्ती से रोक लगाई और युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध कराए। सरकार किसानों को सिंचाई के लिए 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की दिशा में भी काम कर रही है और वर्तमान में 22 जिलों में किसानों को दिन में बिजली दी जा रही है।
जब प्रभारी मंत्री से टिब्बी के एथेनॉल प्लांट विवाद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहाकि जब कुछ नया होता है तो उसका पहले विरोध होता है। यह स्वभाविक प्रक्रिया है। इसी मसले पर एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने स्वीकार किया कि जब 15 महीने से आंदोलन चल रहा है तो प्रशासन को बात करनी चाहिए थी और किसान प्रतिनिधियों को विश्वास में लेने का प्रयास होना चाहिए था। मंत्री सुमित गोदारा से जब जिला मुख्यालय स्थित औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति को लेकर पूछा गया तो वे कलक्टर डॉ. खुशाल यादव की तरफ देखने लगे।
कार्यक्रम में भादरा विधायक संजीव बेनीवाल, हनुमानगढ़ विधायक गणेशराज बंसल, जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव, पुलिस अधीक्षक हरी शंकर, एडीएम उम्मेदी लाल मीना, सीईओ ओपी बिश्नोई, पूर्व विधायक धर्मेंद्र मोची, पूर्व विधायक गुरदीप शाहपीनी, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रमोद डेलू, जिला मंत्री प्रदीप ऐरी, गुलाब सिंवर, चरणदास गर्ग, उत्तम सिंह राठौड़, तेजेन्द्र बराड़, रमेश बेनीवाल, पीडब्ल्यूडी एसई शीशपाल चौधरी, डीटीओ नरेश पुनिया, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता उपनिदेशक विक्रम सिंह, एपीआरओ श्री राजपाल मौजूद रहें।





