
डॉ. पीयूष त्रिवेदी.
टीएमटी और ईको के नॉर्मल रिपोर्ट के बाद भी हार्ट अटैक हो सकता है? यह सवाल बेहद गंभीर है। दरअसल, ट्रेडमिल टेस्ट और इकोकार्डियोग्राम टेस्ट के नॉर्मल रिपोर्ट के बाद भी हार्ट अटैक का सामना हो सकता है। ये टेस्ट हृदय स्वास्थ्य का मूल्यांकन के लिए उपकरण हैं, लेकिन वे पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं होते हैं। निम्नलिखित कारण हैं जिनसे व्यक्ति किसी भी कारण से टीएमटी और ईको टेस्ट के नॉर्मल रिपोर्ट प्राप्त करने के बावजूद भी हार्ट अटैक का शिकार होता है।

झूठे नेगेटिव रिपोर्ट आना:
टीएमटी और ईको टेस्ट कभी-कभी अंतर्निहित हृदय समस्याओं का पता नहीं लगा सकते, विशेष रूप से प्रारंभिक चरणों में या स्थिति यदि अनियमित है।
अन्य जोखिम कारक:
व्यक्ति के पास हार्ट रोग के अन्य जोखिम कारक होते हैं, जैसे कि उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, मोटापा, या हार्ट रोग का परिवार का इतिहास, जो उनके हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाते हैं।
अस्थिर प्लैक्स:
हार्ट अटैक को अनस्थिर प्लैक्स के फटने के कारण हो जाता है, जो कि टीएमटी और ईको टेस्ट्स द्वारा नहीं पकड़ा जा सकता।
अन्य कारण:
सभी हार्ट अटैक का कारण नहीं होता है कि कोरोनरी धमनियों में बंदिशों की वजह से होता है। कुछ हार्ट अटैक, ‘चुपचाप हार्ट अटैक’ के रूप में जाने जाते हैं, जो टीएमटी और ईको टेस्ट्स पर नोटिसेबल लक्षणों या असमान्यताओं के बिना हो सकते हैं।
इसलिए, हालांकि टीएमटी और ईको टेस्ट्स महत्वपूर्ण निदानीय उपकरण हैं, लेकिन वे हार्ट अटैक से पूरी तरह सुरक्षित नहीं माने जा सकते। व्यक्ति को अपने हार्ट स्वास्थ्य का निरंतर निगरानी करना, एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, तनाव के कारकों का प्रबंधन करना, और हार्ट रोग के किसी भी लक्षण का अनुभव करने पर चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है, चाहे वह टेस्ट के परिणाम कुछ भी हों।
आहार में क्या-क्या प्रयुक्त करें?
’प्रोटीन’ अच्छे स्रोत से प्रोटीन को अपने आहार में शामिल करें, जैसे कि दाल, छोटी मछली, मांस, अंडे, पनीर, और सोया प्रोटीन।
सब्जियाँ और फल:’ नियमित रूप से सब्जियों और फलों का सेवन करें, जो विटामिन्स, मिनरल्स, और फाइबर प्रदान करते हैं।
अनाज और अनाजी पदार्थ: पूरे अनाज, जैसे कि धनिया, गेहूं और चावल को अपने आहार में शामिल करें।
हेल्दी फैट: शुगर, फ्रेंच फ्राइस, और प्रोसेस्ड फूड से बचे और हेल्दी फैट जैसे कि अखरोट, बादाम, और तिल को अपने आहार में शामिल करें।
पानी: रोजाना पानी की पर्याप्त मात्रा में पिएं, कम से कम 8-10 गिलास, ताकि आपके शरीर को हाई ड्रेट रखें।
नियमित भोजन: नियमित खाना खाएं, छोटे-छोटे ग्रास खाएंऔर भारी भोजन से बचें।
प्राकृतिक खाद्य: अधिक से अधिक प्राकृतिक और अनुमति ग्राहक खाद्य का सेवन करें, जैसे कि हरी चाय, कोकोनट वॉटर और नारियल पानी।
स्वास्थ्य का ध्यान रखें: अपने आहार के साथ अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें, और हमेशा संतुलित और स्वस्थ आहार चुनें।
व्यायाम के बारे में
नियमितता: नियमित व्यायाम का पालन करें, हफ्ते में कम से कम 5 दिनों तक।
पूर्ण शारीरिक व्यायाम: विभिन्न प्रकार के व्यायाम को मिलाएं, जैसे कि कार्डियो, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, और योग अपनाएं।
उचित तकनीक: सही तकनीक का ध्यान रखें और व्यायाम करें, जिससे चोट और घावों का खतरा कम हो।
व्यायाम की लंबाई: व्यायाम की अवधि को ध्यान में रखें, जैसे कि 30 मिनट से लेकर 1 घंटे तक, या आपके स्वास्थ्य और फिटनेस के आधार पर। शुरुआत से धीरे-धीरे व्यायाम का प्रारंभ करें और धीरे-धीरे अपनी प्रगति को बढ़ाएं।
आवश्यक अवसादितता: सही साधनों का उपयोग करें और ध्यान दें कि आपके पास व्यायाम के लिए उपयुक्त और सुरक्षित जगह हो।
स्वस्थ आहार: व्यायाम के साथ स्वस्थ आहार का भी ध्यान रखें, ताकि आपका शरीर पूरी तरह से फिट और स्वस्थ रहे।
अवधारणा: व्यायाम को एक अवधारित कार्यक्रम के रूप में लें और अपने लक्ष्यों के अनुसार उसे संपन्न करें।
जीवन का सबसे खूबसूरत उपहार हैं, हमारे चारों ओर के लोग। एक संवाद या मुस्कान का आशीर्वाद किसी के दिल को छू सकता है। तो आज से ही, हम सभी के लिए एक सुनहरा और खुशहाल रिश्ता बुने, बातचीत करें, मुस्कान बांटें और एक-दूसरे का साथ देकर जीवन के हर पल को सार्थक बनाएं। याद रखें, सच्चा खुशियों का स्रोत दूसरों के साथ संबंध और समर्पण में है।
-लेखक राजस्थान विधानसभा में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी हैं
शानदार ,दैनिक जीवन मे उपयोगी जानकारी।