हनुमानगढ़ में देश का सबसे बड़ा किसान मेला, क्यों बोले कलक्टर कानाराम ?

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ग्राम सेतु ब्यूरो.
हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय स्थित एसकेडी यूनिवर्सिटी में तीन दिवसीय कृषि महोत्सव व उन्नत कृषि तकनीकी मेले का सोमवार यानी 10 मार्च को समापन हुआ। जिले में कृषकों के ज्ञानवर्धन, उनकी आय को दुगनी करने, कृषि के स्मार्ट समाधानों को किसानों तक पहुंचाने के लिए भव्य कृषि मेले का आयोजन हुआ। मेले में कृषक वैज्ञानिक संवाद, कृषि के स्टार्टअप स्टॉल, पशु सौंदर्य प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम, ड्रोन प्रदर्शन, लाइव डेमोंस्ट्रेशन दर्शनीय रहें। मेले को देखने के लिए जिले सहित दूसरे राज्यों से भी हजारों कृषक पहुंचे। समापन समारोह में जिला कलेक्टर काना राम ने कहा कि कृषि महोत्सव इस वर्ष का पूरे देश का सबसे बड़ा मेला है। यह मेला हनुमानगढ़ में ही संभव था, क्योंकि यहां के कृषक ना केवल जागरूक है बल्कि वो नवाचारों को अपनाना भी चाहते है। इस मेले की सबसे बड़ी खूबी है कि इसमें अधिकतर कृषक स्वयं पहुंचे। महोत्सव का उद्देश्य था कि किसानों का उत्सव के साथ ज्ञानवर्धन हो।
जिला कलेक्टर ने कहा कि किसान यहां से कुछ ना कुछ खरीद कर जा रहे थे, यह इस बात की निशानी है कि वह नवाचारों को अपनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशानुरूप इस मेले का आयोजन किया गया। जिससे किसानों की आय दुगुनी की जा सके। इसमें उन्नत किस्म के पशुओं के साथ पशुपालक भी मौजूद रहे, जिससे पशुपालक प्रेरणा लेकर अपनी आय में वृद्धि कर सके। उन्होंने मेले में आए 23 लाख के मुर्रा नस्ल की उन्नत किस्म के भैंसे तथा एक करोड़ रुपए से अधिक लागत के ट्रैक्टर, जो आकर्षण का केंद्र रहे, का जिक्र किया।


कलेक्टर ने कहा कि मैने कृषि महोत्सव में लगाई गई सभी स्टॉल का निरीक्षण किया था। ऐसे सभी उपकरण जिसमें किसानों ने रुचि दिखाई, उनको खरीदने के लिए कृषि विभाग के साथ मिलकर कृषकों को सब्सिडी दिलाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। मेले में बीज से लेकर बाजार तक की किस्म नवाचारों को प्रस्तुत किया गया । कृषि को लेकर ऐसे कई स्मार्ट समाधान थे, जिसमें किसानों ने ना केवल रुचि दिखाई, बल्कि अपनाने को लेकर भी उत्साह दिखाया है । मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की मंशा अनुरूप यह कृषि महोत्सव जिले के किसानों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। मेरा किसानों से विशेष आग्रह है कि जिन्होंने इस कृषि महोत्सव में नवाचारों को देखा, वो उन्हें अपने खेतों में धरातल पर अपनाए। सभी कृषकों के अंदर सकारात्मक ऊर्जा संचारित हुई है। किसान तकनीकी को खुले मन से स्वीकार करेंगे, तो उनकी आय में संवर्द्धन होगा। उन्होंने अपने उद्बोधन के अंत में अटल बिहारी वाजपेई के जय जवान, जय विज्ञान, जय किसान के नारे के साथ ही किसानों को तकनीकी एवं अनुभवों को मिलाते हुए उन्नति करने की अपील की। उन्होंने इस अवसर कृषि महोत्सव में विशेष कार्य करने वाले सहायक निदेशक बलकरण सिंह, उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. रमेश बराला का भी जिक्र किया।


पूर्व विधायक धर्मेंद्र मोची ने कहा कि मेले में आकर जिले का किसान खुश हुआ है। पहले किसान लुधियाना, हिसार जाते थे, जहां जिले के चुनिंदा किसान ही पहुंच पाते थे। इस आयोजन से जिले के किसान लाभान्वित हुए है। मेरा किसानों से आग्रह है कि उन्नत खेती की और जाए। भाजपा नेता अमित चौधरी ने कहा कि कृषि मेले जैसे आयोजन प्रत्येक वर्ष आयोजित होने चाहिए। किसान देवता के समान है, उनका आदर होना चाहिए। किसानों और वैज्ञानिकों का आपस में निरंतर संवाद हो ताकि अनुभव और तकनीकी साझा हो। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष देवेंद्र पारीक ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार बेहतरीन कार्य कर रही है। इस वर्ष के बजट को ग्रीन बजट का नाम दिया गया, क्योंकि यह किसानों को समर्पित है। जिले में खालों के विकास के लिए 590 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए है। एसकेडी के निदेशक बाबूलाल जुनेजा ने कहा कि मेले को बेहतर से बेहतर बनाने का प्रयास किया गया। अगले वर्ष इससे बेहतर मेले का आयोजन करेंगे। कृषक खुशहाल है, तो हम भी खुशहाल है। समापन कार्यक्रम में जिला प्रमुख कविता मेघवाल, एडीएम उम्मेदी लाल मीना, गुलाब सिंवर, कृषि अतिरिक्त निदेशक गोपाल लाल कुमावत, देवेंद्र अग्रवाल, जगतार सिंह, दिनेश जुनेजा, रानी गोठवाल, डॉ. रामावतार मीना, कृषि संयुक्त निदेशक प्रमोद यादव, आत्मा उपनिदेशक डॉ. सुभाष चन्द्र डूडी मौजूद रहें। तकनीकी सत्र में केवीके संगरिया से डॉ. अनूप कुमार, केवीके नोहर से डॉ. सुरेश कांटवा, एटीसी से डॉ. अनिल कुमार मौजूद रहे।
प्रगतिशील किसानों और पशुपालकों को नवाचारों के लिए किया गया सम्मानित
प्राकृतिक कृषि के लिए सुरेंद्र, पशुपालन में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए नितेश जाखड़, आलू उत्पादन के लिए विजय सिंह, उद्यानिकी फसल के लिए नितिन कुमार, शहद उत्पादन के लिए गुरूदास, औषधीय पौधे उत्पादन के लिए काशीराम, नेपियर घास के लिए दयाराम को सम्मानित किया गया। 8 मार्च को हुई पशु सौंदर्य प्रतियोगिता में गाय के लिए पशुपालक राजेंद्र कुमार, परविंदर, सुभाष चंद्र, भैंस के लिए पशुपालक राजेश, राजेंद्र, जसकरण, बकरी के लिए पशुपालक हैदर अली, आमिर खान, अमनदीप को सम्मानित किया गया। 9 मार्च को ही पशु सौंदर्य प्रतियोगिता में भैंसे के लिए पशुपालक जयप्रकाश, राकेश कुमार, राजेश कुमार, घोड़े के लिए पशुपालक वकील सिंह, संजीव, मोहन सिंह, भेड़ पालन के लिए पशुपालक सुरेंद्र खीचड़ को सम्मानित किया गया। गायों में दुग्ध प्रतियोगिता के लिए पशुपालक परविंदर, भैंस में दुग्ध की प्रतियोगिता में पशुपालक गुरमीत सिंह को सम्मानित किया गया। पशुपालकों को 21 हजार से लेकर 5100 रुपए तक की नगद राशि का चैक देकर सम्मानित किया गया।
राजसखी मेले का समापन आज
प्रदेश के विभिन्न कोनों से आई स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित अनूठे उत्पादन की बिक्री के लिए लगाया गया राजसखी मेला 11 मार्च को सम्पन्न होगा। सोमवार को कलेक्टर काना राम ने लक्की ड्रॉ द्वारा खरीददारों को सम्मानित किया। इस मौके पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाएं जन्नत, तारावंती एवं सुमन को सम्मानित किया गया। राजीविका डीपीएम वैभव अरोड़ा ने कहा कि राजीविका के माध्यम से मेले में 999 रुपए से अधिक की खरीद पर प्रतिदिन लक्की ड्रॉ द्वारा इनाम दिया जाता है। लक्की ड्रॉ द्वारा निकाले गए पुरस्कारों में जूसर, मिक्सर, वाशिंग मशीन एवं एलईडी टीवी इत्यादि पुरस्कार वितरित किए जाते हैं। जिला कलेक्टर ने कहा कि राज्य की मेले में महिलाएं हाथों से निर्मित उच्च गुणवत्ता के वस्तुएं पिस्टल लगाई गई है। जिले वासियों से आग्रह है कि वे राजीव का का द्वारा निर्मित राज्यों का किस में सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित सामान को अवश्य खरीदें हमारे छोटे-छोटे प्रयासों से हुए आत्मनिर्भर बनेगी।

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